
नई दिल्ली। 2008 के मुंबई आतंकी हमले की भयावह यादें आज भी लोगों के जहन में ताजा हैं। अब, करीब 16 साल बाद भारत को एक और बड़ी सफलता मिली है। इस हमले से जुड़े प्रमुख आरोपियों में से एक तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया जा रहा है। राणा की भूमिका आतंकी डेविड हेडली के सह-षड्यंत्रकारी के तौर पर सामने आई थी। अब उसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जाएगा।
तिहाड़ जेल में रहेगा तहव्वुर
जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की एक जॉइंट टीम तहव्वुर को लेकर बुधवार को स्पेशल फ्लाइट से रवाना हुई। वह गुरुवार दोपहर दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। एयरपोर्ट से उसे सीधा एनआईए हेडक्वार्टर ले जाया जाएगा, जहां उसकी गिरफ्तारी की औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। सुरक्षा को देखते हुए उसे तिहाड़ जेल में रखा जाएगा, जहां कड़ी निगरानी की व्यवस्था की गई है।
कोर्ट में पेशी की तैयारी
आज महावीर जयंती के कारण कोर्ट बंद है, लेकिन राणा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। यदि यह तकनीकी रूप से संभव नहीं होता, तो उसे विशेष न्यायाधीश के निवास पर पेश किया जा सकता है। एनआईए आरोपी की कस्टडी मांगने के लिए याचिका दायर करेगी।
तहव्वुर राणा को NIA अदालत में मुकदमे का सामना करना होगा। ट्रायल के लिए सभी रिकॉर्ड दिल्ली ट्रांसफर किए जा चुके हैं। यह केस भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। अब देश को उम्मीद है कि 26/11 के ज़िम्मेदारों को पूरा न्याय मिलेगा।
मुंबई हमले में राणा की भूमिका
एनआईए द्वारा दाखिल चार्जशीट में तहव्वुर राणा को आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य बताया गया है। उसने डेविड हेडली को मुंबई में “फर्स्ट वर्ल्ड” नाम से ऑफिस खोलने में मदद की, जिससे हेडली ने हमले की लोकेशन की रेकी की। यह ऑफिस एक कवर के तौर पर इस्तेमाल हुआ ताकि हेडली आतंकी साजिश को अंजाम दे सके।
राणा-हेडली की दोस्ती और साजिश
राणा और डेविड हेडली बचपन के दोस्त हैं। हेडली की गवाही और ईमेल डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, राणा ने न सिर्फ हेडली को फर्जी दस्तावेज़ उपलब्ध कराए, बल्कि भारत यात्रा के लिए वीज़ा कैसे हासिल करें इस पर भी सलाह दी। अमेरिकी सरकार का कहना है कि राणा को हमले की प्लानिंग और टारगेट्स की जानकारी थी।
अमेरिका में राणा की गिरफ्तारी और सजा
2009 में FBI ने शिकागो के ओ’हेयर एयरपोर्ट से तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई और कोपेनहेगन हमलों की साजिश में शामिल होने का आरोप था। हेडली की गवाही के आधार पर राणा को अमेरिका में 14 साल की सजा सुनाई गई थी।
भारत की प्रत्यर्पण की लंबी कानूनी लड़ाई
भारत ने 2011 में राणा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की और 2018 से उसके प्रत्यर्पण की कोशिशें शुरू कीं। फरवरी 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति ने औपचारिक तौर पर राणा के प्रत्यर्पण की अनुमति दी। राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में खुद को बीमार बताकर याचिका दायर की थी, जिसे जनवरी 2025 में खारिज कर दिया गया।
कौन है तहव्वुर राणा?
- पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक
- पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रह चुका है
- 1997 में कनाडा जाकर इमिग्रेशन सर्विस का बिज़नेस शुरू किया
- अमेरिका में भी ऑफिस खोले और फर्जी दस्तावेजों का नेटवर्क फैलाया
- 7 भाषाओं का जानकार और कई देशों में यात्रा कर चुका है
मुंबई हमला: जब 60 घंटे तक कांपी थी मायानगरी
- 26 नवंबर 2008 को लश्कर के 10 आतंकी समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचे।
- ताज होटल, ओबेरॉय, सीएसटी स्टेशन समेत कई जगहों पर हमला किया।
- 175 लोगों की जान गई, 300 से ज्यादा घायल हुए।
- अकेला जिंदा पकड़ा गया आतंकी अजमल कसाब था, जिसे 2012 में फांसी दी गई।