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India-Canada Relation : भारत पर आरोप लगाने के बाद हुई ट्रूडो की बेइज्जती, कनाडा के पत्रकार ने कहा- यह सब खालिस्तानियों को खुश करने की कोशिश

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर सवाल उठने लगे हैं कि उन्होंने खालिस्तानी लोगों को खुश करने के लिए भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। भारत और कनाडा के रिश्ते में चल रही कड़वाहट के बीच कनाडाई पत्रकार ने पीएम जस्टिन ट्रूडो पर ही सवाल खड़े किए हैं। डेनियल बॉर्डमैन नाम के कनाडाई पत्रकार ने आरोप लगाया है कि ट्रूडो ये सब खालिस्तानी लोगों को खुश करने के लिए कर रहे हैं। इससे कनाडा को व्यापार में अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ कनाडा के रिश्ते में तनाव बढ़ने के बाद फिर से ट्रूडो कोई ठोस सबूत देने में असफल रहे हैं।

ट्रूडो पर उठे सवाल

कनाडाई पत्रकार डेनियल बॉर्डमैन ने ट्रूडो की नीतियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ट्रूडो जनता को भारत के खिलाफ आरोपों के ठोस सबूत देने में असफल रहे हैं, जिससे कनाडा को व्यापारिक मोर्चे पर अरबों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है। बॉर्डमैन ने दावा किया कि ट्रूडो ने खालिस्तानी समूहों को खुश करने के लिए यह विवाद बढ़ाया है।

बॉर्डमैन ने ट्वीट में कहा, “जिन कनाडाई लोगों ने ट्रूडो सरकार को हमारी सड़कों पर अराजकता और आतंकवाद फैलाते देखा है, वे नहीं मानेंगे कि उन्हें वास्तव में हमारी सुरक्षा की परवाह है। जो कुछ भी ट्रूडो भारत के खिलाफ कर रहे हैं, वह केवल एक झूठ है।”

ईरानी एक्टिविस्ट का भी ट्रूडो पर हमला

ईरानी मूल के एक्टिविस्ट सलमान सीमा ने भी ट्रूडो पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ट्रूडो अक्सर झूठ बोलते हैं और एक साजिश का झूठा नैरेटिव खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। सीमा ने कहा, “ट्रूडो यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि भारत कनाडा पर हमले की साजिश कर रहा है, जबकि उन्होंने जिहादी और खालिस्तानी लोगों को सड़कों पर हिंसा फैलाने की छूट दी है, जिससे यहूदी, ईरानी, हिंदू और ईसाई समुदाय प्रभावित हुए हैं।”

भारत ने 6 कनाडाई राजनयिकों को किया निष्कासित

भारत ने सोमवार को जवाबी कार्रवाई में कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित करने का फैसला लिया है। विदेश मंत्रालय ने इन राजनयिकों को 19 अक्टूबर की रात 11:59 बजे तक देश छोड़ने का आदेश दिया है। इससे पहले कनाडा ने भारत के उच्चायुक्त और अन्य भारतीय राजनयिकों पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद भारत ने अपने उच्चायुक्त और कुछ अन्य अधिकारियों को वापस बुला लिया था।

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