
भोपाल। योगगुरु बाबा रामदेव के एक हालिया बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। रामदेव द्वारा ‘शरबत जेहाद’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए एक विशेष कंपनी पर परोक्ष रूप से निशाना साधने को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कड़ा विरोध जताया है। मंगलवार को उन्होंने भोपाल के टीटी नगर थाने में रामदेव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
क्या है पूरा मामला?
बाबा रामदेव का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह पतंजलि के शरबत का प्रचार करते हुए कहते हैं कि “एक कंपनी है जो शरबत तो देती है लेकिन उससे मिलने वाला पैसा मस्जिद और मदरसे बनाने में लगाया जाता है। रामदेव ने कहा, ‘‘अगर आप वो शरबत पिएंगे तो मस्जिद और मदरसे बनेंगे और पतंजलि का शरबत पिएंगे तो गुरुकुल बनेंगे, आचार्य कुलम बनेगा, पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड आगे बढ़ेगा। इसलिए मैं इसे ‘शरबत जेहाद’ कहता हूं। जैसे ‘लव जेहाद’, ‘वोट जेहाद’ चल रहा है वैसे ही ‘शरबत जेहाद’ भी चल रहा है।”
रामदेव का यह बयान ब्रांड ‘रूह अफ़ज़ा’ की ओर इशारा करता माना जा रहा है, जिसे देश की जानी-मानी यूनानी और आयुर्वेदिक कंपनी हमदर्द बनाती है।
दिग्विजय सिंह का पलटवार
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने रामदेव के इस बयान को धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने वाला, भड़काऊ और असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि यह बयान भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196(1)(क), 299 और आईटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराध है।
दिग्विजय ने कहा, “रामदेव ने गुलाब शरबत को बेचने के लिए ‘रूह अफज़ा’ को हिंदू-मुस्लिम विवाद में घसीटा है। मोहब्बत के प्रतीक शरबत को ‘शरबत जेहाद’ कह देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”
नफरत फैलाने वाली चलती-फिरती दुकान
दिग्विजय सिंह ने बाबा रामदेव को “नफरत फैलाने वाली चलती-फिरती दुकान” बताया और कहा कि “रामदेव की नजर देश की बेशकीमती जमीनों पर है। वे धर्म के नाम पर व्यापार कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि मध्यप्रदेश सरकार ने रामदेव को कई एकड़ जमीन दी है, जिनका कोई उपयोग नहीं हो रहा। उन्होंने मांग की कि जैसे इंफोसिस से जमीन वापस ली गई, वैसे ही रामदेव से भी जमीनें वापस ली जाएं।
कार्रवाई नहीं हुई तो जाऊंगा कोर्ट
बाद में पत्रकारों से चर्चा में दिग्विजय सिंह ने साफ कहा कि यदि एक सप्ताह में पुलिस इस मामले में FIR दर्ज नहीं करती, तो वे न्यायालय का रुख करेंगे। मैं एक हफ्ते तक इंतजार करूंगा। उन्होंने कहा कि रामदेव द्वारा दिया गया बयान सांप्रदायिक जहर घोलने का प्रयास है, जो देश के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकता है।
ये भी पढ़ें- Guna News : प्रदर्शन के बाद 5 नामजद सहित 25 लोगों पर केस दर्ज, चौराहे पर चक्काजाम और नारेबाजी का आरोप