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भाजपा ने जिन सांसदों के टिकट काटे, उन्होंने इलेक्शन कैंपेन से बनाई दूरी

सांसद प्रज्ञा, गुमान सिंह डामोर, छतर सिंह दरबार और केपी नहीं दिखे प्रचार में, कुछ ने प्रतीकात्मक दिखाई झलक

राजीव सोनी-भोपाल। मप्र में इस बार भाजपा ने जिन 8 सांसदों को घर बिठाया उनमें से ज्यादातर इलेक्शन कैंपेन से दूर रहे। खासतौर पर भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, रतलाम-गुमान सिंह डामोर और छतरसिंह दरबार भी धार संसदीय क्षेत्र के चुनाव प्रचार में नहीं दिखे। भाजपा के बड़े रोड-शो अथवा चुनावी सभा के दौरान गुना में सांसद केपी सिंह यादव, विवेक शेजवलकर ग्वालियर, विदिशा क्षेत्र में रमाकांत भार्गव और बालाघाट में ढाल सिंह बिसेन आदि बमुश्किल ही एक-दो सार्वजनिक कार्यक्रमों में प्रतीकात्मक नमूदार हुए। भोपाल के इलेक्शन कैंपेन में पीएम मोदी के रोड शो सहित अन्य स्टार प्रचारकों की भागीदारी भी रही। प्रत्याशी आलोक शर्मा के साथ सांसद प्रज्ञा नहीं दिखीं। हालांकि स्थानीय विरोध की आशंका में संगठन ने भी इनको विशेष तवज्जो नहीं दी।

अपवाद स्वरूप दिखे ये सांसद

विदिशा के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के दौरे-रोड शो में मौजूदा सांसद रमाकांत भार्गव एक-दो बार दिखे। ग्वालियर के मौजूदा सांसद विवेक शेजवलकर शहर में कई स्थानों पर कैंपेनिंग में शामिल हुए।

तस्वीर का दूसरा पहलू…

इलेक्शन कैंपेन में तस्वीर का दूसरा पहलू भी है। भाजपा हाईकमान ने जिन केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को प्रदेश की राजनीति में भेजा, लोकसभा चुनाव में उनकी सक्रियता नजर आई। विस अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना क्षेत्र में सक्रिय बने रहे। मंत्रीगण प्रहलाद सिंह-राकेश सिंह और राव उदयप्रताप सिंह दूसरी सीटों पर भी प्रचार के लिए पहुंचे। सीधी से सांसद रहने के बाद अब विधायक चुनी गईं रीति पाठक भी प्रचार में दिखती रहीं।

संगठन ने सांसदों को अन्य महत्वपूर्ण भूमिका में रखा

जिन मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं मिला संगठन ने उन्हें चुनाव से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण भूमिका में रखा है। इस जिम्मेदारी को अधिकांश ने बखूबी निभाया। चुनाव से जुड़ा बहुत सारा काम प्रबंधन और पर्दे के पीछे का भी रहता है जिसकी महती भूमिका है। -डॉ हितेष वाजपेयी प्रवक्ता मप्र भाजपा

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