
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान ने भारत के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका की यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) ने भारत के 2024 लोकसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर (करीब 182 करोड़ रुपए) की फंडिंग की थी। इस बयान के बाद भारत में कई सवाल उठे हैं कि क्या अमेरिका की इस फंडिंग के पीछे किसी राजनीतिक एजेंडे की कोशिश थी?
ट्रंप के बयान से भारत की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा और विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच बड़ी बहस छिड़ गई है। इसके अलावा इस बीच USAID की पूर्व भारतीय डायरेक्टर वीना रेड्डी भी सुर्खियों में आ गई हैं।
भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बहस
ट्रंप के बयान के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। भाजपा सांसद महेश जेठमलानी ने इस फंडिंग की जांच की मांग की और सवाल उठाए कि आखिर भारत के चुनावी प्रक्रिया में अमेरिकी दखल क्यों हो रहा है? जेठमलानी ने कहा, “DOGE (डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी) की रिपोर्ट बताती है कि USAID ने भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के नाम पर बड़ी रकम खर्च की। हमें इसकी पूरी जांच करानी चाहिए।”
वीना रेड्डी क्यों हैं चर्चा में?
USAID की पूर्व भारतीय निदेशक वीना रेड्डी इस विवाद के केंद्र में आ गई हैं। 2021 में USAID इंडिया की प्रमुख बनने के बाद, रेड्डी ने भारत में कई परियोजनाओं की निगरानी की। भाजपा सांसद ने सवाल किया कि वोटिंग जागरूकता अभियानों में खर्च हुई रकम आखिर किसे दी गई? दिलचस्प बात यह है कि रेड्डी 2024 के लोकसभा चुनाव समाप्त होने के एक महीने बाद 17 जुलाई को अमेरिका लौट गईं।
कौन हैं वीना रेड्डी?
आंध्र प्रदेश में जन्मी अमेरिकी राजनयिक रेड्डी 5 अगस्त, 2021 को USAID इंडिया में शामिल हुईं। 17 जुलाई 2024 तक वह पद पर बनी रहीं। वीना रेड्डी अमेरिका की वरिष्ठ विदेश सेवा अधिकारी हैं। वीना रेड्डी न्यूयार्क, लंदन और लॉस एंजेलिस में भी एक कारपोरेट वकील के रूप में काम कर चुकी हैं। उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से कानून में डॉक्टरेट और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से MA और BA की डिग्री प्राप्त की है।
रेड्डी पहले भारतीय-अमेरिकी महिला हैं, जिन्होंने भारत और भूटान में USAID का नेतृत्व किया। वीना रेड्डी ने पाकिस्तान, सेंट्रल एशिया रिपब्लिक और सेंट्रल अमेरिका में भी USAID के मिशन के लिए काम किया है। वीना रेड्डी न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया बार काउंसिल की सदस्य भी हैं।
अपने तीन साल के कार्यकाल (2021-2024) के दौरान उन्होंने भारत में 228 मिलियन डॉलर की परियोजनाओं का संचालन किया। यह राशि भी चर्चा में है और उस दौरान USAID इंडिया की डायरेक्टर वीना रेड्डी ही थी।