
बीजिंग। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आयात पर 10% टैक्स लगाने और चीन सहित अन्य व्यापारिक साझेदारों पर अतिरिक्त शुल्क बढ़ाने के फैसले के बाद वैश्विक व्यापार युद्ध गहराने की आशंका बढ़ गई है। इस निर्णय के जवाब में चीन ने अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी है और टैरिफ को अवैध करार दिया है।
चीन ने अमेरिकी टैरिफ को बताया अनुचित
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि अमेरिकी टैरिफ अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों के खिलाफ हैं और इससे संबंधित देशों के कानूनी अधिकारों व हितों को नुकसान पहुंचेगा। चीन ने स्पष्ट किया कि वह अपने अधिकारों की रक्षा के लिए जवाबी कदम उठाने को तैयार है।
बीजिंग ने अमेरिका से टैरिफ हटाने की मांग की
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजिंग ने वाशिंगटन से इन नए टैरिफ को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया। बीजिंग ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका अपने फैसले पर अड़ा रहा तो यह न केवल वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा होगा बल्कि इससे अमेरिका की खुद की आपूर्ति श्रृंखला और आर्थिक हितों को भी भारी नुकसान पहुंचेगा।
अमेरिका पर लगाया एकतरफा धमकाने का आरोप
चीन ने अमेरिका पर एकतरफा धमकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कदम वर्षों की व्यापार वार्ताओं के तहत मिले वैश्विक आर्थिक लाभों को अनदेखा करता है। चीन का कहना है कि अमेरिका यह दावा कर रहा है कि उसे व्यापार में घाटा हो रहा है, लेकिन वह इस तथ्य को नजरअंदाज कर रहा है कि उसने अंतरराष्ट्रीय व्यापार से कई वर्षों तक भारी मुनाफा कमाया है।
चीन के लिए बढ़ी मुश्किलें
ट्रंप प्रशासन ने अपने प्रमुख व्यापारिक साझेदार चीन पर 34% का सख्त टैरिफ लगाया है, जबकि बाकी सभी देशों के लिए 10% का आधार शुल्क भी लागू किया गया है। यह शुल्क पिछले महीने लगाए गए 20% के अतिरिक्त है। इसके जवाब में चीन ने भी कड़े कदम उठाए हैं। चीन ने सोयाबीन, पोर्क और चिकन सहित कई अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 15% तक का शुल्क लगा दिया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी टैरिफ से चीन की अर्थव्यवस्था को और झटका लग सकता है, क्योंकि वह पहले से ही रियल एस्टेट सेक्टर में कर्ज संकट और घटती खपत जैसी समस्याओं से जूझ रहा है।
चीन ने विवाद सुलझाने की अपील की
बीजिंग ने अमेरिका से व्यापार वार्ता के जरिए विवाद को हल करने की अपील की है। चीन का कहना है कि अमेरिका को अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ सहयोगात्मक रवैया अपनाना चाहिए और टकराव से बचना चाहिए। बीजिंग ने कहा कि वैश्विक व्यापार में स्थिरता बनाए रखने के लिए बातचीत ही सबसे उचित समाधान है।