
ग्वालियर। शहरवासियों ने जमकर रंगोत्सव मनाया और एक दूसरे के माथे पर गुलाल ही नहीं बल्कि सिर से लेकर नख तक रंग उड़ेल दिया। बुधवार को होली में जमकर मस्ती की और झूमे भी। सुबह से शाम तक महिलाएं, पुरुष और बच्चे भी रंगों में रंगे नजर आए। नगर निगम ने होली के रोज अतिरिक्त पानी की सप्लाई भी की।
दो दिन होलिका दहन के बाद बुधवार को जमकर रंगोत्सव मनाया गया। एक-दूसरे पर रंग उड़ेलने में लोग पीछे नहीं रहे। कोरोना के बाद वर्ष 2023 की होली में उत्साह, उमंग सब कुछ दिखा। लोगों ने भी घर से बाहर निकलकर होली खेलने में कोई गुरेज नहीं किया। होली खेलने के दौरान ठंडाई भी चली और मिठाई भी खिलाई गई।
वापसी के चलते जनरल-स्लीपर कोचों में रही मारामारी
होली के बाद भाईदूज के होते ही अपने कार्य स्थलों व घरों से वापसी के चलते दिल्ली व झांसी की ओर से आने-जाने वाली ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ देखी गई। हालात यह बने की जनरल क्लास से लेकर स्लीपर कोचों तक में पांव रखने की जगह बड़ी मुश्किल से मिली। वहीं रेलवे आरक्षण काउंटरों पर भी लंबी भीड़ लगी रही। गुरुवार को एक बार फिर ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ देखी गई। खासकर दिल्ली, मुंबई एवं पंजाब की ओर जाने वाली ट्रेनों के सामान्य बोगी में पैर रखने तक की जगह नहीं मिली। मंजिल तक पहुंचने के चलते आरक्षण नहीं मिलने पर लोग सामान्य बोगी में किसी तरह सवार हो होते दिखे।
पुलिस अधिकारियों ने जमकर खेली होली
होली के दूसरे दिन भाईदौज पर पुलिसकर्मियों के साथ अधिकारियों ने जमकर रंग बिखेरे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने अपने सभी साथियों को गुलाल लगाया और रंग लगाने से परहेज नहीं किया। एएसपी राजेश डंडौतिया, ऋषिकेश मीणा ने भी होली खेली। इस मौके पर सभी सीएसपी, टीआई, एसआई और जवानों ने मस्ती बिखेरी।
जेल में भाइयों को तिलक कर बहनें हुई भावुक
भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास के त्योहार आज भाईदौज के दिन बहनें जेल में कैद भाइयों को तिलक लगाने पहुंचीं। शासन से अनुमति मिलने के बाद जेल प्रबंधन ने व्यवस्था की थी। दरअसल, गुरुवार को भाईदौज के पर्व पर भाई-बहन की यह मुलाकात खास रही। कोविड के बाद तीन साल से जेल में आमने-सामने की मिलाई बंद थी। आज जब बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाया तो भाई-बहन दोनों भावुक हो गए।