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गाजा पर डोनाल्ड ट्रंप का विवादित बयान, कहा- अपने नियंत्रण में लेकर वहां पुनर्निर्माण करना चाहिए; अरब देशों ने जताया कड़ा विरोध

वॉशिंगटन/तेल अवीव। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा को लेकर एक विवादित बयान दिया, जिसने नए राजनयिक संकट को जन्म दे दिया है। उन्होंने गाजा को विनाश और मौत का प्रतीक बताते हुए वहां के निवासियों को दूसरे अरब देशों में भेजने का प्रस्ताव दिया है। उनके इस बयान की हमास, अरब देशों और यूरोप के कई देशों ने कड़ी आलोचना की है।

गाजा पर ट्रंप विवादास्पद बयान

डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि गाजा के लोग वहां इसलिए रह रहे हैं क्योंकि उनके पास और कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को गाजा को अपने नियंत्रण में लेकर वहां पुनर्निर्माण करना चाहिए और लोगों के लिए नई नौकरियां पैदा करनी चाहिए। ट्रंप ने यह भी सुझाव दिया कि जब तक गाजा का पुनर्निर्माण नहीं हो जाता, तब तक वहां के लोगों को जॉर्डन और मिस्र में भेज देना चाहिए।

हमास और अरब देशों ने किया विरोध

ट्रंप की इस योजना को गाजा पर शासन करने वाले हमास ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। हमास ने कहा कि यह प्रस्ताव इलाके में अराजकता और तनाव को और बढ़ाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गाजा के लोग अपनी जमीन को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे।

अरब देशों ने भी ट्रंप की इस योजना का कड़ा विरोध किया है। मिस्र, जॉर्डन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और अरब लीग ने इसे फिलस्तीनियों के खिलाफ साजिश करार दिया है।

यूरोप के कई देशों ने भी जताई आपत्ति

ट्रंप के बयान के खिलाफ जर्मनी और इटली समेत कई यूरोपीय देशों ने भी नाराजगी जाहिर की है। जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि गाजा से फिलस्तीनियों को जबरन नहीं हटाया जाना चाहिए और न ही इजरायल को इस पर स्थायी कब्जा करना चाहिए। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी ट्रंप की योजना की आलोचना की, हालांकि उन्होंने गाजा के पुनर्निर्माण की उनकी योजनाओं का समर्थन किया।

युद्धविराम समझौते पर संकट के बादल

गौरतलब है कि ट्रंप के सत्ता संभालने से ठीक पहले इजरायल और हमास के बीच 19 जनवरी से लागू एक युद्धविराम समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत 33 इजरायली बंदियों और 2000 फिलस्तीनी कैदियों की रिहाई होनी है। यह समझौता 1 मार्च तक लागू रहेगा, लेकिन ट्रंप के बयान के बाद इस पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

गाजा पर शासन को लेकर बढ़ी अनिश्चितता

सबसे बड़ा सवाल यह है कि गाजा पर शासन किसका होगा? इजरायल पहले ही कह चुका है कि वह हमास को गाजा में शासन नहीं करने देगा। दूसरी ओर, फिलस्तीनी प्राधिकरण ने दावा किया कि गाजा पर शासन का अधिकार उन्हीं का है। लेकिन इजरायल इसके खिलाफ है और गाजा के लिए एक अलग प्रशासनिक निकाय बनाने की योजना बना रहा है।

गाजा में अब तक 50,000 लोगों की मौत

इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध में अब तक गाजा में करीब 50,000 लोग मारे जा चुके हैं। इस संघर्ष ने पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर दिया है। अब ट्रंप के इस नए बयान ने स्थिति को और जटिल बना दिया है और गाजा संकट के समाधान को लेकर नई चिंताएं खड़ी कर दी हैं।

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