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Teachers’ Day 2021: पहली बार 60 के दशक में मनाया गया था शिक्षक दिवस, यहां जानें इस दिन से जुड़ी खास बातें

नई दिल्ली। बच्चों के जीवन में उनके शिक्षक का महत्वपूर्ण स्थान होता है। हर साल टीचर्स के सम्मान में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन स्कूल-कॉलेजों में कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। छात्र-छात्राएं अपने-अपने तरीके से शिक्षकों के प्रति प्यार और सम्मान जाहिर करते हैं। हालांकि, इंटरनेशनल टीचर्स डे 05 अक्टूबर को सेलिब्रेट किया जाता है, जिसकी घोषणा साल 1994 को यूनेस्को ने की थी। वहीं पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन (5 सितंबर) को हर साल भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। अपने जन्मदिन को शिक्षकों के योगदान और समर्पण के सम्मान के तौर पर मनाने का ख्याल भी डॉ. राधाकृष्णन के मन में आया था और तभी से उनकी इच्छा को पूरा करते हुए पूरा देश पांच सितंबर को शिक्षक दिवस मनाता है। इसकी शुरुआत साल 1962 में हुई थी।

कब हुई इस दिन की शुरुआत

डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को आंध्र प्रदेश के तिरुमनी गांव में एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह काफी होनहार छात्र थे, उन्होंने अपनी पढ़ाई छात्रवृत्तियों की मदद से पूरी की। आगे चलकर डॉ. राधाकृष्णन ने अपनी पहचान एक महान शिक्षक के रूप में बनाई। इसलिए डॉ. राधाकृष्णन के जन्म दिवस यानी पांच सितंबर को हर साल पूरा देश शिक्षक दिवस मनाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। उन्हें 1954 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है। इसके साथ-साथ वह स्वतंत्र भारत के पहले उप-राष्ट्रपति (1952-1962) और दूसरे राष्ट्रपति (1962-67) भी थे।

पूरी दुनिया एक विद्यालय है

पहली बार टीचर्स डे 60 के दशक में मनाया गया था। सर्वपल्ली राधा कृष्णन ने कहा था कि पूरी दुनिया एक विद्यालय है, जहां कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। शिक्षक केवल पढ़ाते ही नहीं हैं, बल्कि हमें जीवन के अनुभवों से गुजरने के दौरान अच्छे-बुरे के बीच फर्क करना भी सिखाते हैं।

कोविड-19 के कारण बदल रहा है टीचर्स डे सेलिब्रेशन

पिछले साल, कोरोना वायरस महामारी के कारण स्कूल, कॉलेज और बाकी शिक्षण संस्थान बंद हो गए थे। छात्रों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने शिक्षकों को टीचर्स डे की बधाई दी। हालांकि, इस साल कोविड-19 के कम होते संक्रमण को देखते हुए स्कूल – कॉलेजों को फिर से खोला जा रहा है।

शिक्षक दिवस से जुड़ी खास बातें

  • डॉक्टर राधाकृष्णन के पिता उनके अंग्रेजी पढ़ने या स्कूल जाने के खिलाफ थे। वह अपने बेटे को पुजारी बनाना चाहते थे।
  • दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में अलग-अलग तारीख पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। हालांकि विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।
  • शिक्षा के क्षेत्र में डॉक्टर राधाकृष्णन के अभूतपूर्व योगदान के लिए 1931 में उन्हें ब्रिटिश सरकार ने नाइट के सम्मान से भी नवाजा गया।
  • डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि देश में सर्वश्रेष्ठ दिमाग वाले लोगों को ही शिक्षक बनना चाहिए।
  • यूनेस्को ने 1994 में शिक्षकों के कार्य की सराहना के लिए 5 अक्तूबर को विश्व शिक्षक दिवस के रूप में मनाने को लेकर मान्यता दी थी।

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