
बिजनेस डेस्क। अडाणी ग्रुप ने अपनी फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के फॉलोऑन पब्लिक ऑफर यानि FPO को रद्द कर दिया। ग्रुप ने बुधवार देर रात 20 हजार करोड़ रुपए के फुली सबस्क्राइब्ड FPO को रद्द करने का ऐलान किया। इसके बाद गौतम अडाणी ने वीडियो संदेश जारी कर निवेशकों को समझाया और FPO को वापस लेने की वजह भी बताई है।
मेरे लिए मेरे निवेशकों का हित सर्वोपरि: गौतम अडाणी
गौतम अडाणी ने FPO रद्द करने के बाद एक वीडियो मैसेज जारी किया। उन्होंने कहा, पूरी तरह से सब्सक्राइब्ड एफपीओ के बाद कल इसे वापस लेने के फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया होगा। लेकिन कल बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड ने ये महसूस किया कि एफपीओ के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा। कंपनी का उद्देश्य अपने निवेशकों के हितों की रक्षा करना है।
गौतम अडाणी ने कहा कि मेरे लिए मेरे निवेशकों का हित सर्वोपरि है। इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने FPO वापस ले लिया है। FPO से प्राप्त रकम को हम वापस करने जा रहे हैं और इससे जुड़े लेन-देन को खत्म कर रहे हैं। इस निर्णय का हमारे मौजूदा परिचालनों और भविष्य की योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हम इन्वेस्टर्स को FPO में शामिल होने के लिए धन्यवाद देते हैं।
#WATCH | After a fully subscribed FPO, yday’s decision of its withdrawal would've surprised many. But considering volatility of market seen yday, board strongly felt that it wouldn't be morally correct to proceed with FPO:Gautam Adani, Chairman, Adani Group
(Source: Adani Group) pic.twitter.com/wCfTSJTbbA
— ANI (@ANI) February 2, 2023
बता दें कि, 27 जनवरी 2023 को अडाणी एंटरप्राइजेज ने 20 हजार करोड़ जुटाने के लिए एफपीओ जारी किया था। 31 जनवरी को फुल सब्सक्राइब होकर क्लोज हुआ था। जिसके बाद 1 फरवरी 2023 को कंपनी ने अपने निदेशक मंडल की बैठक में इसे वापस लेने का फैसला किया।
क्या होता है FPO?
फॉलो-ऑन-पब्लिक ऑफर (FPO) कंपनी के लिए पैसे जुटाने का एक तरीका है। इसे सेकेंडरी ऑफरिंग के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसा प्रोसेस है, जिसके तहत जो कंपनी पहले से शेयर मार्केट में लिस्टेड होती है वो निवेशकों के लिए नए शेयर ऑफर करती है। FPO का इस्तेमाल कंपनी के इक्विटी बेस में बदलाव करने के लिए होता है।
शेयरों में गिरावट
अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर बुधवार को 28.5% गिरकर 2,128.70 रुपए पर बंद हुआ। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तर से 49% से अधिक नीचे हैं। एक सप्ताह में ही इसके स्टॉक 37% से अधिक नीचे हैं।
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क्या है इसकी वजह
इसके पीछे का कारण अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को बताया जा रहा है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडाणी गुप पर ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और अकाउंट्स में धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। यह रिपोर्ट आने के बाद अलग-अलग कारोबारों में जुटे अडाणी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है।
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हिंडनबर्ग की रिपोर्ट फर्जी
अडाणी ग्रुप ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट दुर्भावनापूर्ण और फर्जी तरीके से बनाई गई है। यह रिपोर्ट हमारे एफपीओ को नाकाम करने के इरादे से लाई गई है। अडाणी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के FPO को शुक्रवार को आवेदन के पहले दिन केवल एक प्रतिशत अभिदान मिला था। यह एफपीओ 31 जनवरी को बंद होगा।
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