body disabled

शरीर विकलांग था पर मैंने अपनी सोच को डिसेबल नहीं होने दिया
इंदौर

शरीर विकलांग था पर मैंने अपनी सोच को डिसेबल नहीं होने दिया

प्रभा उपाध्याय-इंदौर। दिव्यांगता अगर किसी को जन्म से हो तो वह अंदर ही अंदर टूटता जाता है, लेकिन कुछ ऐसे…
Back to top button