ताजा खबरभोपालमध्य प्रदेश

भाजपा जिलाध्यक्ष के दावेदार टॉप-3 में नाम जुड़वाने दिग्गजों से कर रहे मनुहार

ये भी पेंच: ज्यादा खींचतान होने या सहमति न बनने पर होल्ड का ऑप्शन भी

भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा में अब जिलाध्यक्षों के निर्वाचन को लेकर रायशुमारी की कवायद तेजी से चल पड़ी है। मंडल के बाद अब सभी की नजर जिलाध्यक्षों पर लगी हुई है। कई जिलों में खींचतान की स्थिति बनी हुई है। संगठन की कमान किसे सौंपी जाए इसके लिए सांसदों सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी उनकी पसंद पूछी जा रही है। सभी से बंद लिफाफे में प्राथमिकता क्रम में प्रपत्र पर तीन नाम लिए गए हैं। लिफाफे भोपाल में खुलेंगे और वहीं से अगले 2-3 दिन में अध्यक्ष की घोषणा होगी।

जिलाध्यक्षों के नामों की सूची दिल्ली भी भेजी जा रही है। अध्यक्ष के चुनाव का ऐलान निर्वाचन अधिकारी करेंगे। विवाद अथवा सहमति की स्थिति न बनने पर संबंधित जिले का नाम होल्ड करने की तैयारी है। जहां ज्यादा खींचतान बनी हुई हैं वहां नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होने तक मामला पेंडिंग करने की तैयारी है।

नर्मदापुरम सहित कई जिलों में एक अनार सौ बीमार …

राजधानी भोपाल में रायशुमारी पहले हो चुकी है जबकि पड़ोसी जिला नर्मदापुरम में शुक्रवार को संभागीय पर्यवेक्षक और जिला निर्वाचन अधिकारी, प्रभारी, क्षेत्रीय सांसद, सभी विधायक और पदाधिकारी मौजूद थे। नर्मदापुरम में मौजूदा अध्यक्ष सहित करीब 18-20 दावेदार हैं। इनमें कुछ महिलाएं भी शामिल है। कई जिलों में अध्यक्ष को लेकर एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति बन गई है। इसी तरह की स्थिति बालाघाट, सागर, भोपाल सहित कई जिलों में है।

पैनल में नेत्रियों के नाम

भाजपा ने संगठन में 33 फीसदी महिलाओं को स्थान देने का ऐलान किया है। जानकारी के मुताबिक जिलाध्यक्ष पद के लिए सक्रिय और पात्र नेत्रियों की तलाश भी चल रही है। इसके लिए हर जिले में प्रभारी और निर्वाचन अधिकारियों से कहा गया है रायशुमारी के बाद पैनल में संभव हो तो महिला दावेदारों के नाम भी शामिल करें।

Inside Story अपने-अपने समर्थकों की लॉबिंग

कई जिलों में क्षेत्र के बड़े नेता अपने समर्थक के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। इस वजह से मंत्री,सांसद और अन्य नेताओं के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। इंदौर, राजधानी भोपाल, सागर, ग्वालियर, अशोकनगर, गुना, शिवपुरी और रीवा, सतना, छतरपुर व टीकमगढ़ में सहमति के मुद्दे पर बड़े नेताओं में खींचतान की स्थिति बनी हुई है। जिलाध्यक्ष चुनाव के लिए जिन लोगों से रायशुमारी की जानी थी उनके सामने दावेदार नेता पर्ची पर नाम लिखने आग्रह करते देखे गए। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बड़े जिलों में अंतिम निर्णय के पहले वहां के वरिष्ठ नेताओंसे मशविरा करेंगे। सहमति न बनने पर नामों के पैनल में से किसी एक नाम का ऐलान केंद्रीय नेताओं से चर्चा करने के बाद कर दिया जाएगा। भोपाल, बालाघाट, मंदसौर, उमरिया, छिंदवाड़ा, सहित और अन्य जिला मुख्यालयों में भी रायशुमारी की प्रक्रिया के बाद चुनाव अधिकारी व पर्यवेक्षकों ने नामों के लिफाफे बंद कर दिए।

संबंधित खबरें...

Back to top button