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सरकार चाहती है विधायक पढ़ लिख लें, ‘माननीय’ कह रहे हमें जरूरत नहीं

चार साल से उच्च शिक्षा विभाग चला रहा कोर्स, एक भी विधायक ने नहीं दिखाई रुचि

रामचन्द्र पाण्डेय-भोपाल। प्रदेश सरकार चाहती है कि कम शिक्षित विधायक पढ़ लिखकर न केवल अपने क्षेत्र, बल्कि प्रदेश और देश के विकास में सहयोगी बनें। लेकिन ‘माननीय’ कह रहे हैं कि जिस पद पर पहुंच गए हैं, अब वहां पढ़ाई की जरूरत नहीं है। हालांकि वे यह तो मानते हैं कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती है, जिसको डिग्री करना है वह जरूर करे। दरअसल, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पिछले चार साल से यूजी में 12वीं पास विधायकों के लिए सीटें आरक्षित की जा रही हैं, लेकिन अब तक किसी विधायक ने आवेदन नहीं किया है।

जबकि वर्तमान विधानसभा में 26 फीसदी विधायक 12वीं पास हैं। भोज ओपन यूनिवर्सिटी ने तीन साल की स्नातक और चार साल की ऑनर्स डिग्री के लिए विशेष कोर्स शुरू किए हैं। इसके लिए कुलगुरु प्रो. संजय तिवारी ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर विधायकों को प्रवेश दिलाने के लिए कहा है। गौरतलब है कि प्रदेश के कुल 230 विधायकों में से 43 विधायकों ने सिर्फ 12वीं तक ही पढ़ाई की है।

विधायकों को क्लास अटेंड करना जरूरी नहीं

प्रदेश सरकार विधायकों को डिग्री और डिप्लोमा कराने के लिए वर्ष 2021 से प्रयासरत है। यदि विधायक भोज विवि में एडमिशन लेते हैं तो विवि उन्हें स्टडी मटेरियल देगा। विधायकों को क्लास भी अटेंड नहीं करना पड़ेगी। अब विधानसभा अध्यक्ष तोमर इस संबंध में 12वीं पास विधायकों से भी चर्चा कर विवि में प्रवेश लेने के लिए कहेंगे। विधायक तीन वर्षीय डिग्री के लिए एडमिशन ले सकते हैं।

79 विषयों में यूजी कोर्स में दिए जा रहे हैं एडमिशन

चार साल पहले तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने नई शिक्षा नीति के तहत कॉलेजों में 177 डिप्लोमा एवं 282 सर्टिफिकेट कोर्स शुरू कराए थे। 79 विषयों के प्रथम वर्ष के कोर्स तैयार किए गए हैं, जिनमें विद्यार्थियों को वैकल्पिक विषय चुनने का अवसर मिलेगा। 12वीं पास विधायकों और सांसदों को देखते हुए डॉ. यादव ने खास तौर पर शार्ट टर्म कोर्स भी जोड़े थे, लेकिन प्रदेश के एक भी विधायक और सांसद ने प्रदेश के किसी भी कॉलेज में प्रवेश नहीं लिया था।

दो विधायक 5वीं और 5 विधायक 8वीं पास

प्रदेश में धरमपुरी विधायक कालूसिंह ठाकुर, भैंसदेही विधायक महेंद्र सिंह चौहान, डबरा विधायक सुरेश राजे, सुमावली विधायक ऐदल सिंह कंषाना और पवई विधायक प्रहलाद लोधी 8वीं पास हैं। जबकि मुंगावली विधायक बृजेंद्र सिंह यादव और रतलाम ग्रामीण विधायक मथुरालाल डामर 5वीं पास हैं।

इन विधायकों ने नहीं उठाया फोन

सचिन बिड़ला, नरेंद्र सिंह कुशवा, मोहन सिंह राठौर और नारायण सिंह पवार।

विधायकों की शैक्षणिक स्थिति

  • पीएचडी धारक 5 विधायक
  • पीजी डिग्रीधारी 88 विधायक
  • यूजी डिग्री धारी 73 विधायक
  • 12वीं पास 43 विधायक
  • 10वीं पास 14 विधायक
  • 8वीं पास 5 विधायक
  • 5वीं पास 2 विधायक
    स्रोत : मप्र विधानसभा

क्या कहते हैं माननीय

यह बात सही है कि शिक्षा की कोई उम्र नहीं होती है। लेकिन हम जिस पोस्ट पर पहुंच चुके हैं, वहां डिग्री लेने की न तो कोई जरूरत है और न ही इससे कोई लाभ होगा। इसलिए मैं तो डिग्री नहीं लूंगा। -देवेन्द्र नारायण सखवार, विधायक, अम्बाह

यह सरकार का अच्छा कदम है। स्कूल शिक्षा करने वाले विधायकों को यह मौका मिल रहा है, उन्हें डिग्री करना चाहिए। मुझे अभी आपसे इसकी जानकारी मिली है। विस्तृत जानकारी लेकर मैं डिग्री करने का प्रयास करूंगा। -जितेन्द्र पंड्या, विधायक, बड़नगर

विस अध्यक्ष को पत्र लिखा

कई विधायकों ने 12वीं तक ही पढ़ाई की है। उन्हें स्नातक कोर्स में प्रवेश देकर डिग्री कराने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। -डॉ. संजय तिवारी, कुलगुरु भोज मुक्त विश्वविद्यालय

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