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संस्कृति मंत्री के आश्वासन के दो माह बाद भी कम नहीं हुआ शहीद भवन का किराया

स्वराज संस्थान संचालनालय ने करीब दो माह पहले शहीद भवन के किराए में की थी दोगुनी वृद्धि

अनुज मीणा- शहर में रंगकर्मियों के लिए पसंदीदा सभागार शहीद भवन ही माना जाता है, जिसमें प्राइवेट और सरकारी दोनों के तत्वावधान में ही नाटक, नृत्य और गायन के कार्यक्रम होते आ रहे हैं। करीब दो माह पहले स्वराज संस्थान संचालनालय ने शहीद भवन के किराए को 7 हजार से बढ़ाकर 14 हजार रुपए कर दिया था। किराया दोगुना करने का रंगकर्मियों ने विरोध जताया था और किराए को कम कराने के लिए संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी से मुलाकात की थी। इस दौरान संस्कृति मंत्री ने बढ़े हुए किराए को तत्काल कम करने की बात कही थी। रंगकर्मियों को मंत्री से मुलाकात करने के बाद करीब दो माह बाद भी रंगकर्मियों से 14 हजार रुपए किराया ही लिया जा रहा है। यही वजह है कि शहीद भवन में होने वाली प्रस्तुतियों में भी कमी आई है।

हमने फाइल मुख्यालय भेज दी है

मंत्रीजी ने इस पर कहा है तो पूरी तरह से किराया कम किया जाएगा। इसको लेकर फाइल चल रही है। हमारे यहां से फाइल मुख्यालय भेज दी गई है, अब जो भी होगा वहीं से होगा। फिलहाल किराया कम नहीं किया गया है, लेकिन जैसे ही हमारे पास आदेश आ जाएगा तो हम किराया कम कर देंगे, सरकारी काम में समय लगता है, लेकिन किराया जरूर कम होगा। – संतोष वर्मा, डिप्टी डायरेक्टर, स्वराज संचालनालय

मंत्री के आश्वासन के बाद भी कम नहीं हुआ किराया

अभी हमसे शहीद भवन का किराया 14000 रुपए ही लिया जा रहा है। संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने किराया कम करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक किराया कम नहीं किया गया है। कहा जा रहा है कि अभी फाइल चल रही है। किराया कब तक कम होगा और कितना कम होगा यह पता नहीं। लेकिन मुझे पता चला है कि किराया 7 हजार रुपए नहीं बल्कि अब 10 हजार रुपए के आसपास रहेगा। यह किराया जल्दी कम होना चाहिए ताकि कई लोगों की रुकी हुईं प्रस्तुतियां आयोजित हो सकें। नाटक ही नहीं शहीद भवन में अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां व कई शौकिया गायक अपने फंड्स से कार्यक्रम करते हैं लेकिन इन दिनों उनके अधिकांश कार्यक्रम पॉलीटेक्निक कॉलेज के सभागार में हो रहे हैं। – बालेंद्र सिंह, रंगकर्मी

पीएस के हस्ताक्षर के बाद अटक गई फाइल

हमने संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी से मुलाकात के बाद किराए को कम करवाने के लिए प्रमुख सचिव संस्कृति विभाग शिव शेखर शुक्ला से भी मुलाकात की थी। उन्होंने बताया था कि शहीद भवन के किराए को लेकर फाइल पर उन्होंने हस्ताक्षर करने के बाद उसको आगे भी बढ़ा दिया था। प्रमुख सचिव ने हमसे कहा था कि किराया कम होगा, लेकिन कितने प्रतिशत इस पर कोई खुलकर जवाब नहीं दिया। अब फाइल कहां पर अटकी है यह पता नहीं। साथ ही मंत्रीजी ने रवींद्र भवन के किराए को 50 प्रतिशत छूट के लिए पहले से आवेदन न देने की बात कही थी, लेकिन अभी भी हमें करीब दो माह पहले आवेदन देना पड़ता है, जिसके बाद रवींद्र भवन के किराए में हमें छूट मिल पाती है। रवींद्र भवन के किराए में बिना किसी प्रोसेस के बुकिंग के समय ही छूट मिलनी चाहिए। – नितिन तेजराज, आर्टिस्ट

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