
भोपाल। मालवा-निमाड़ की तरफ रहेगा। उनकी चुनावी सभाओं का वोटर्स पर जादुई असर देख क्षेत्रीय और सत्ता-संगठन के नेता ज्यादा से ज्यादा सभाओं की डिमांड कर रहे हैं। स्टार प्रचारकों की फेहरिश्त तो लंबी है लेकिन चुनाव प्रचार में भाजपा मोदी को ही तुरुप का इक्का मानती है। गुरुवार को लगातार दूसरे दिन मोदी मप्र में सक्रिय रहे। अब तक 6 विजिट में उनके 9 कार्यक्रम हो चुके हैं। दो दिन बाद फिर उनके आने का कार्यक्रम बन रहा है। 2019 के चुनाव में भी उनकी 7 दिन में 10 सीटों पर ताबड़तोड़ रैलियां हुई थीं। इस बार लगता है कि मप्र में पीएम मोदी चुनावी रैलियों और रोड-शो का नया रिकॉर्ड बनाएंगे।
इस बार 6 विजिट में हुए 9 कार्यक्रम
- 07 अप्रैल को जबलपुर में रोड शो
- 09 अप्रैल को बालाघाट में चुनावी सभा
- 14 अप्रैल को होशंगाबाद के पिपरिया में चुनावी सभा
- 19 अप्रैल को दमोह के इमलाई में आम सभा
- 24 अप्रैल को हरदा और सागर में सभा
- 24 अप्रैल को भोपाल में 1 किमी का रोड शो
- 25 अप्रैल को मुरैना में चुनावी सभा
दो दिन बाद फिर आएंगे
सत्ता-संगठन के दिग्गज नेता और चुनावी प्रबंधक सोची-समझी रणनीति के हिसाब से पीएम मोदी की चुनावी सभाएं और रोड-शो प्लान करने में जुटे हैं। उनकी सभाएं वहां आयोजित की जा रही हैं जहां से आसपास के क्षेत्र भी कवर हो जाएं। बुधवार को उन्होंने भोपाल में रोड शो के लिए चयन किया। दो दिन बाद फिर उनके मप्र आने का कार्यक्रम बन रहा है। इसके बाद मालवा-निमाड़ अंचल में भी दो-तीन सभाएं मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। 2019 में मोदी सीधी, जबलपुर, होशंगाबाद, सागर, ग्वालियर, खंडवा, इंदौर, रतलाम, खरगोन, धार पहुंचे थे।
एक तीर से कई निशाने
पीएम मोदी ने पहले चरण की आधा दर्जन सीटों में जबलपुर और बालाघाट पर फोकस किया। दूसरे चरण के लिए उन्होंने पिपरिया में चुनावी सभा रखी। पिपरिया से छिंदवाड़ा और विदिशा सीट के क्षेत्र भी जुड़ते हैं। यहां सभा से तीन सीटों टारगेट किया।
मोदी-मोहन का सम्मोहन ‘मोदी-मोहन’ का सम्मोहन मप्र के मतदाताओं के सिर चढ़ कर बोल रहा है। मतदाताओं का रिस्पॉन्स देख दोनों नेता अभिभूत हैं। यही कारण है कि मप्र अब मोदीजी के मन में बसता है। – डॉ. हितेष वाजपेयी, प्रवक्ता मप्र भाजपा