
बेंगलुरु। चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के दसवें दिन ISRO ने अपने पहले सूर्य मिशन आदित्य L1 को लॉन्च किया। सूर्य की स्टडी के लिए इस मिशन को PSLV-C57 रॉकेट से श्री श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। सूर्य के अध्ययन के लिए ‘आदित्य एल-1’ को धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर ‘लैग्रेंजियन-1’ बिंदु तक पहुंचने में करीब 4 महीने (125 दिन) लगेंगे। इस मिशन की अनुमानित लागत 378 करोड़ रुपए है।
L1 पर नहीं पड़ता ग्रहण का प्रभाव
रॉकेट PSLV आदित्य को पृथ्वी की निचली कक्षा में छोड़ेगा। करीब 63 मिनट 19 सेकेंड बाद आदित्य 235 x 19500 Km की ऑर्बिट में पहुंच जाएगा। लैगरेंज पॉइंट-1 (L1) पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके चलते यहां से सूरज पर आसानी से रिसर्च की जा सकती है। आदित्य स्पेसक्राफ्ट को L1 पॉइंट तक पहुंचने में करीब 125 दिन लगेंगे, जो 3 जनवरी 2024 को पूरे होंगे। अगर मिशन सफल रहा और आदित्य स्पेसक्राफ्ट लैग्रेंजियन पॉइंट 1 पर पहुंच गया, तो नए साल में इसरो के नाम ये बड़ी उपलब्धि होगी।
5 चरणों में होगा सूरज तक सफर
लैगरेंज पॉइंट का नाम इतालवी-फ्रेंच मैथमैटीशियन जोसेफी-लुई लैगरेंज के नाम पर रखा गया है। इसे बोलचाल में L1 नाम से जाना जाता है। धरती से सूरज तक का सफर पांच चरणों में होगा। जिसमें पहला फेज- PSLV रॉकेट से लॉन्च, दूसरा फेज- पृथ्वी के चारों और ऑर्बिट का विस्तार, तीसरा फेज- स्फेयर ऑफ इंफ्लूएंस से बाहर, चौथा फेज- क्रूज फेज और पांचवां फेज- हैलो ऑर्बिट L1 प्वाइंट है।
#सूर्य_मिशन : आदित्य L-1 मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च। श्रीहरिकोटा से #ISRO की कामयाब लॉन्चिंग; 63 मिनट में अर्थ ऑर्बिट में पहुंचेगा। देखें #VIDEO
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