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किसी ने कहा- साली की शादी में नहीं गया तो जीना हो जाएगा मुश्किल, किसी ने टूर्नामेंट का दिया हवाला

चुनावी ड्यूटी रद्द कराने के लिए 250 से ज्यादा आवेदन

भोपाल। आचार संहिता के चलते कलेक्टर द्वारा अधिकारी-कर्मचारियों के अवकाश पर लगाई गई रोक से खलबली मच गई है। चुनाव ड्यूटी की सूची जारी होने के बाद बुधवार को बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी ड्यूटी निरस्त कराने कलेक्ट्रेट पहुंचे। इनमें वो भी शामिल हैं, जिन्होंने बीमारी या अन्य कारण से अग्रिम अवकाश ले रखा है। छुट्टी रद्द कराने के लिए इनमें से किसी ने साली की शादी का हवाला दिया तो किसी ने टूर्नामेंट में जाने की बात कही। अफसरों ने आश्वासन दिया है कि वाजिब कारण होने पर अवकाश मंजूर किया जाएगा।

कलेक्टर आशीष सिंह ने चुनावी ड्यूटी निरस्त और अवकाश स्वीकृत करने की जिम्मेदारी एडीएम प्रकाश सिंह चौहान, अंकिता धाकरे, भूपेंद्र गोयल और डिप्टी कलेक्टर मुनोव्वर खान को दी है। इन अफसरों के कक्ष के बाहर बुधवार को सुबह से अधिकारी- कर्मचारियों की कतार लगी रही। कई महिलाएं नवजात को गोद में लेकर पहुंचीं। कई मेडिकल सर्टिफिकेट लेकर पहुंचे। एक महिला अपना आवेदन लेकर पहुंची कि कोरोना में पति की मृत्यु के बाद छोटे बच्चे की जिम्मेदारी उसके पास है। शाम तक करीब 250 से ज्यादा आवेदन पहुंचे हैं।

एडीएम से मिलने होते रहे परेशान : एडीएम अंकिता धाकरे के कक्ष के बाहर अधिकारी- कर्मचारियों की सुबह से भीड़ लगी थी। उन्होंने केवल चुनिंदा लोगों से मुलाकात की। बाकी लोगों को दूसरे अधिकारी के पास आवेदन लेकर भिजवा दिया । उनसे मिलने के लिए कई लोग एक कक्ष से दूसरे कक्ष भटकते रहे। कई को निराश होकर लौटना पड़ा।

अफसरो  के पास पहुंचे ये मामले

01- एक अधिकारी ने चुनावी ड्यूटी निरस्त कराने एडीएम अंकिता धाकरे से कहा कि चुनावी तारीख में उनकी साली की शादी है और उसमें जाना जरूरी है। धाकरे ने कहा कि शादी छोड़ दीजिए और चुनावी ड्यूटी कीजिए। यह सुनकर अधिकारी रुआंसे हो गए और बोले कि शादी में नहीं गया तो घर में क्लेश बढ़ जाएगा, जीना मुश्किल हो जाएगा। उनकी हालत देखकर एडीएम भी पसीज गईं और उक्त अधिकारी को अपना आवेदन डिप्टी कलेक्टर के पास जमा करने के लिए भेज दिया।

02- भारतीय मानक ब्यूरो के विभाग प्रमुख कलेक्ट्रेट पहुंचे। उनके साथ तीन वैज्ञानिकों की भी चुनाव ड्यूटी लगा दी गई है। उन्होंने अधिकारी के सामने तर्क दिया कि उनके स्टाफ को विदेशों में आना जाना पड़ता है। इसलिए उनकी और उनके स्टाफ की डयूटी निरस्त की जाए। अधिकारी ने विभागाध्यक्ष होने के नाते आपकी डयूटी निरस्त हो सकती है, लेकिन अन्य की नहीं।

03- ऊर्जा विकास निगम की एक महिला कर्मचारी भी डिप्टी कलेक्टर मुनोव्वर खान के कक्ष में पहुंची। उसने कहा कि एडीएम मैडम ने उनके पास भेजा है। चुनावी प्रशिक्षण के दौरान उसका टूर्नामेंट गोवा में होना है। उसका तो यह तक कहना था कि वहां से आने के बाद वह चुनाव ड्यूटी जॉइन कर लेगी। महिला कर्मचारियों को आश्वस्त करते हुए, उसका आवेदन ले लिया गया।

04- डिप्टी कलेक्टर खान के कक्ष में एक कर्मचारी पहुंचा। उसका कहना था कि रिजर्व दल में उसकी ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन जहां वह नौकरी करता है, वहां प्रधानमंत्री मिशन से जुड़े काम होते हैं। खान ने उससे कहा कि आचार संहिता के दौरान मिशन से जुडे कोई काम नहीं होते। इसलिए जिस समय ड्यूटी पर बुलाए, आ जाना। अभी अपना आवेदन वापस लेकर जाओ।

अवकाश की सूचना के संबंध में कई आवेदन आए हैं। हम उसका परीक्षण कराएंगे। जहां तक चुनाव डयूटी लगने के बाद अवकाश लेने का मामला है तो उसका भी परीक्षण कराया जाएगा। -भूपेंद्र गोयल, एडीएम

चुनाव ड्यूटी निरस्त करने के अपने नियम है, जिसमें 60 साल से ऊपर, बीमारी, मानवीय सहित अन्य कारण के आधार पर ड्यूटी निरस्त हो सकती है, लेकिन उसके वाजिब कारण होना चाहिए। – रविशंकर राय, उप निर्वाचन अधिकारी

(इनपुट-संतोष चोधरी)

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