
संतोष चौधरी भोपाल। प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में कई ऐसे स्कूल हैं, जो आज भी बिजली से अछूते हैं। इस बीच, गुनगा के सरकारी स्कूल में पिछले साल स्मार्ट क्लास का नवाचार किया गया था, जो मिसाल बन गई है। इसी स्मार्ट क्लास ने बच्चों का नजरिया बदला है और बीते सत्र का परीक्षा परिणाम भी सुधरा है। यह संभव हुआ है, वन विभाग के कैंपा फंड से। इसके तहत ही गुनगा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में स्मार्ट क्लासेस चलाई जा रही हैं। यहां 329 बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। पिछले सत्र में इस स्कूल का रिजल्ट भी 72 प्रतिशत रहा था, जो एक साल पहले काफी कम था।
छात्रों का नजरिया बदला
स्कूल से एग्रीकल्चर से 12वीं में 93 प्रतिशत लाने वाले अभिषेक और आर्ट्स में 81 प्रतिशत अंकों के साथ पास आउट सिमरन मीणा का कहना है कि स्मार्ट क्लासेस के बाद हम लोगों का पढ़ाई करने का नजरिया बदला और दिलचस्पी भी बढ़ी है। हमारा रिजल्ट इस बात का गवाह है।
बालाचौन और गोरिया की सड़कें रोशन : वन विभाग ने कैंपा फंड से दो गांवों रमपुरा बालाचौन एवं गोरिया सनखेड़ा में चौराहों और गलियों में चार-चार स्ट्रीट भी लगाई हैं, जो सोलर एनर्जी से रोशन हो रही हैं।
बच्चों की दिलचस्पी बढ़ी
स्मार्ट क्लासेस से बच्चों की पढ़ाई में दिलचस्पी बढ़ी है और इसका परिणाम हमें बच्चों में देखने को मिला है। – कीर्ति सक्सेना, प्राचार्य
कैंपा फंड की राशि से गुनगा के सरकारी स्कूल में स्मार्ट क्लासेस की स्थापना की गई है। संभवत: जिले के किसी ग्रामीण अंचल के सरकारी स्कूल में यह पहली स्मार्ट क्लास है। दो गांवों में चौराहे और नुक्कड़ों पर सोलर एनजी से स्ट्रीट लाइट भी लगाई गई है। – आरएस भदौरिया, एसडीओ, फॉरेस्ट, भोपाल सामान्य वन मंडल