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बांग्लादेश : शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराधों में आरोप तय, 3 अगस्त से मुकदमा शुरू होगा, भारत में हैं पूर्व प्रधानमंत्री

ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल (ICT) ने गुरुवार को मानवता के विरुद्ध अपराध के गंभीर आरोप तय कर दिए हैं। ट्रिब्यूनल ने साथ ही पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिदेशक (IGP) चौधरी अब्दुल्ला अल मामून को भी सह-आरोपी बनाया है।

मामले की सुनवाई 3 अगस्त से शुरू होगी। यह मुकदमा हसीना और खान की अनुपस्थिति में चलेगा, जबकि मामून ने अपराध कबूल कर सरकारी गवाह बनने की इच्छा जाहिर की है।

छात्रों के प्रदर्शन पर कार्रवाई बनी मुख्य वजह

पिछले वर्ष जुलाई-अगस्त 2024 में बांग्लादेश में विश्वविद्यालय छात्रों द्वारा 30% आरक्षण नीति के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे। यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जा रहा था, जिसे हसीना सरकार ने बाद में खत्म कर दिया। इसके बावजूद, हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर आंदोलन तेज हो गया।

इसी दौरान लगभग 1400 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें बड़ी संख्या में छात्र शामिल थे। ट्रिब्यूनल के अनुसार, इन मौतों के लिए हसीना और उनके सहयोगी जिम्मेदार हैं।

ट्रिब्यूनल ने क्या कहा?

ICT के अनुसार, आरोपियों ने प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए पुलिस बल और सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल किया। इसके चलते व्यापक स्तर पर हत्याएं, अपहरण, और यातनाएं दी गईं। ट्रिब्यूनल ने कहा कि “ये घटनाएं मानवता के खिलाफ अपराध के दायरे में आती हैं और आरोपियों ने नागरिकों के मूल अधिकारों का दमन किया।”

पूर्व IGP मामून ने किया अपराध कबूल

ट्रिब्यूनल के सामने पूर्व IGP चौधरी अब्दुल्ला अल मामून को पेश किया गया। उन्होंने अपने अपराध स्वीकार कर लिए हैं और अब सरकारी गवाह बनने की अपील की है। मामून फिलहाल जेल में हैं। वहीं, शेख हसीना और असदुज्जमां खान देश से बाहर हैं, इसलिए मुकदमा उनकी गैर-मौजूदगी में चलेगा।

हसीना भारत में, पासपोर्ट रद्द, ऑडियो लीक से बढ़ी मुश्किलें

  • 5 अगस्त, 2024 को शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत आ गई थीं। नई सरकार बनने के बाद उनके खिलाफ 225 से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए, जिनमें हत्या, देशद्रोह और अपहरण शामिल हैं।
  • 2 जुलाई, 2025 को ITC ने उन्हें एक अवमानना केस में छह महीने की सजा भी सुनाई थी। यह फैसला एक लीक ऑडियो कॉल के आधार पर दिया गया था जिसमें हसीना यह कहते हुए सुनी गई थीं- “मेरे खिलाफ 227 मुकदमे दर्ज हैं, अब मुझे 227 लोगों को मारने का लाइसेंस मिल गया है।”
  • यह ऑडियो सोशल मीडिया और अखबारों में वायरल हुआ था, जिसे अदालत ने बेहद गंभीर मानते हुए दोषी ठहराया।

भारत में रहने पर भी बढ़ी कानूनी घेराबंदी

भारत में रहते हुए भी शेख हसीना पर अंतरराष्ट्रीय दबाव और जांच का शिकंजा कसता जा रहा है। बांग्लादेश सरकार ने उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया है और 6 जनवरी 2025 को उनके सहयोगियों पर भी गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे।

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