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वैज्ञानिकों ने उम्र बढ़ाने वाली दवा बनाने का किया दावा

ऑस्ट्रेलिया के डीकिन विवि में चल रहा शोध कार्य

गीलॉन्ग। स्वस्थ रहने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक निरंतर कई प्रकार के अनुसंधान और रिसर्च करते ही रहते हैं। ऑस्ट्रेलिया के डीकिन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अब एक हालिया रिसर्च में एक ऐसी दवा तैयार करने का दावा किया है जो उम्र बढ़ाने में मददगार साबित होगी और लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जीने में मदद करने वाली है। यह प्रयोग अभी चूहों पर सफलतापूर्वक किया गया है। इस दवा के जरिए एक प्रोटीन को अवरुद्ध करने और इस तरह चूहों को बीमारी से बचाने में मदद मिली और उनके जीवन को 25 प्रतिशत से अधिक बढ़ाया जा सका।

इस नवीनतम अध्ययन में सूजन से जुड़े एक प्रोटीन इंटरल्यूकिन-11 को लक्षित करके बनने वाली एक दवा पर चर्चा हो रही है, जिसके जरिए जीवन को 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने में मदद मिल सकती है। कहा जा रहा है कि जिस तरह से इस प्रोटीन को अवरुद्ध करने से चूहों को बीमारी से बचने और उनके जीवन को 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने में मदद मिली है। अब इसे इंसानों पर भी आजमाया जा सकता है।

शरीर में रोग और उम्र बढ़ने में किसकी भूमिका

हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि शरीर में पुरानी सूजन बीमारी पैदा करने और उम्र बढ़ने में तेजी लाने में खास भूमिका निभाती है, जबकि अधिक सूजन संक्रमण या चोट के लिए नुकसानदायक होती है। अगर आपके शरीर में सूजन बनी रहती है, तो यह हानिकारक हो सकती है। हमारी जीवनशैली, पर्यावरण और सामाजिक कारक आधुनिक दुनिया में दीर्घकालिक सूजन को बढ़ाने में योगदान देते हैं। वैसे तो हम लोग पहले से जानते हैं कि जो बीमारियां उम्र के बढ़ने के सवालों से जुड़ी हैं, उन पर नियंत्रण की जरूरत होती है, जिनमें खराब आहार, व्यायाम की कमी, मोटापा, तनाव, नींद की कमी, सामाजिक संबंध की कमी और प्रदूषण जैसे कारक शामिल हैं। इनका असर भी शारीरिक सूजन से है। इसीलिए बीमारी और उम्र बढ़ाने से संबंधित चीजों पर कई शोध समूह खोज कर रहे हैं। साथ ही वे फार्मास्यूटिकल्स के साथ पुरानी सूजन का इलाज करने के उपाय भी खोज रहे हैं।

अधिक उम्र के चूहों पर किया गया प्रयोग

यह नया इंटरल्यूकिन-11 शोध चूहों पर किया गया है और इसमें कई अलग- अलग घटक शामिल थे। इस शोध के एक घटक में, चूहों में इंटरल्यूकिन-11 को आनुवंशिक रूप से नष्ट कर दिया गया था। इसका मतलब है कि इस रासायनिक मध्यस्थ के लिए जीन को इन चूहों से हटा दिया गया था, जिसके परिणाम में चूहे अब इस मध्यस्थ का उत्पादन करने में सक्षम नहीं थे। शोध के इस भाग में, चूहों का जीवन औसतन 25 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया। इस शोध के एक अन्य घटक में वृद्ध चूहों का इलाज एक ऐसी दवा से करना शामिल था, जो इंटरल्यूकिन-11 को अवरुद्ध करती है। यह पाया गया कि इस दवा को 75-सप्ताह के चूहों (55-वर्षीय मनुष्यों के बराबर) में इंजेक्ट करने से चूहों का जीवन 22-25% बढ़ जाता है। इन उपचारित चूहों में कैंसर होने की संभावना कम थी और उनमें कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम था, शरीर का वजन कम था और मांसपेशियों की ताकत और चयापचय में सुधार हुआ था। इन संयुक्त परिणामों से, लेखकों ने निष्कर्ष निकाला कि इंटरल्यूकिन -11 को अवरुद्ध करना संभावित रूप से उम्र से संबंधित स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने और चूहों और मनुष्यों दोनों में जीवनकाल में सुधार करने की कुंजी हो सकता है।

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