
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल स्थित जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई और रमजान के दौरान लाइटिंग की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मस्जिद कमेटी केवल बाहरी दीवारों की ही रंगाई-पुताई करवा सकती है, लेकिन ढांचे को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट के जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने बुधवार को यह आदेश सुनाया। कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को निर्देश दिया कि वह एक सप्ताह के भीतर मस्जिद की पुताई का काम पूरा करें।
मस्जिद कमेटी ने क्यों दाखिल की थी याचिका?
मस्जिद कमेटी के वकील जाहिर असगर ने 25 फरवरी को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा कि हर साल रमजान से पहले मस्जिद की रंगाई-पुताई की जाती है, लेकिन इस बार प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी।
- हिंदू पक्ष का विरोध : हिंदू पक्ष का तर्क था कि रंगाई-पुताई से कथित मंदिर के साक्ष्य मिट सकते हैं, इसलिए इसे रोका जाए।
- ASI की भूमिका : पहले ASI केवल मस्जिद की भीतरी दीवारों की पुताई की बात कर रहा था और बाहरी दीवारों को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा था।
कोर्ट ने क्या कहा?
हाईकोर्ट ने ASI को मस्जिद की बाहरी दीवारों की पुताई और वहां लाइट लगाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि ASI मस्जिद कमेटी द्वारा दायर हलफनामे का स्पष्ट जवाब देने में विफल रहा। अदालत ने ASI के वकील से यह स्पष्ट करने को कहा था कि वह बाहरी दीवारों की पुताई को लेकर क्यों आपत्ति कर रहा है।
वकील की दलील और कोर्ट का फैसला
मस्जिद कमेटी के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने सोमवार को कहा था कि ASI के हलफनामे में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि वह बाहरी दीवारों की पुताई और सजावटी लाइट लगाने से क्यों इनकार कर रहा है। उन्होंने कुछ रंगीन तस्वीरें भी कोर्ट में पेश कीं, जिनसे यह साबित होता है कि पुताई की जरूरत है।
अदालत ने मस्जिद कमेटी की आपत्ति को स्वीकार करते हुए ASI को मस्जिद की बाहरी दीवारों की पुताई और लाइटिंग की इजाजत देने का आदेश दिया।