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सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित : शिवपाल यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य को बड़ी जिम्मेदारी; जानिए आजम खान को क्या पद मिला

लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की घोषणा कर दी है। पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में 42 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित कर दी गई है। इसमें हाल ही में पार्टी में शामिल हुए शिवपाल यादव को भी बड़ी जिम्मेदारी मिली है। उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी में राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। वहीं रामचरित मानस पर बयान देकर विवादों में आए स्वामी प्रसाद मौर्य को भी राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी दी गई है।

आजम खान को मिली ये जिम्मेदारी

अखिलेश यादव एक बार फिर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं, जबकि किरनमय नन्दा राष्ट्रीय उपाध्य और रामगोपाल यादव राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव बनाए गए हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 14 महासचिव बनाए गए हैं। इसमें मोहम्मद आजम खान, शिवपाल सिंह यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम भी शामिल है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अभिषेक मिश्रा, पवन पांडे को भी जगह मिली है। इसी तरह पूर्व मंत्री राम आसरे विश्वकर्मा, लीलावती कुशवाहा, धर्मेंद्र यादव, जावेद आब्दी, दयाराम पाल आदि को भी शामिल किया गया है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी में यादव परिवार के 5 सदस्य

राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अखिलेश यादव के अलावा यादव परिवार के पांच सदस्य शामिल किए गए हैं। इसमें अखिलेश यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रो राम गोपाल यादव- राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव, शिवपाल यादव- राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए हैं। वहीं अक्षय यादव, धर्मेंद्र यादव और तेजप्रताप यादव कार्यकारिाणी सदस्य बनाए गए हैं।

स्वामी प्रसाद मौर्या का सिर काटकर लाओ: अयोध्या के साधु

उत्तर प्रदेश में अयोध्या के एक साधु ने समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर 500 रुपए का ईनाम रखा है। उनका कहना है कि जो भी मौर्या का सिर काटकर लाएगा, उसे वे ईनाम देंगे। दरअसल, हाल ही में मौर्य ने श्रीरामचरितमानस के लिए विवादित टिप्पणी करते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि श्रीरामचरितमानस की कुछ चौपाइयां जाति के आधार पर समाज के एक बड़े तबके का अपमान करती हैं। मौर्य ने इन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।

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माफी नहीं मांगूंगा : मौर्य

शनिवार को अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद भी स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने बताया कि सपा मुखिया से एक घंटे तक मीटिंग हुई। श्रीरामचरितमानस के संदर्भ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव विधानसभा में जवाब देंगे। उन्होंने एक बार फिर कहा कि मैं इस मामले में माफी नहीं मांगूंगा और अपने बयान पर कायम रहूंगा। उन्होंने कहा कि श्रीरामचरितमानस में कुछ ऐसी लाइनें हैं, जो देश के पिछड़े और दलितों का अपमान करने वाली हैं। इन्हें हटाया जाना चाहिए।

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