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अहम मुलाकात : रूस को लेकर भारत पर दबाव बढ़ाने की तैयारी में अमेरिका! PM मोदी-जो बाइडेन की वर्चुअल मीटिंग आज

रूस-यूक्रेन में चल रही जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच आज वर्चुअल मीटिंग होगी। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर दोनों देशों के बीच गंभीर मतभेद हैं। पिछले महीने ही क्वाड लीडर्स की मीटिंग के दौरान दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हो चुकी है।

2+2 वार्ता से पहले होगी मीटिंग

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच मुलाकात द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करेंगे। दोनों नेता दक्षिण एशिया, हिंद-प्रशांत क्षेत्र और वैश्विक मुद्दों पर चल रहे द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करेंगे। दोनों नेताओं के बीच यह बैठक वाशिंगटन में होने वाली भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता से पहले होगी।

 

अमेरिका भारत पर बनाएगा दबाव!

व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के बीच वर्चुअल बैठक होनी है। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इस बात का दबाव बनाएंगे कि भारत यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर कड़े रुख अपनाए। इसके अलावा इस युद्ध के चलते ग्लोबल फूड सप्लाई पर पड़ने वाले असर पर भी बातचीत होगी।

इन मुद्दों पर हो सकती है वार्ता

  • कोरोना महामारी को समाप्त करना
  • जलवायु संकट का मुकाबला करना
  • ग्लोबल इकोनॉमी को मजबूत करना
  • सुरक्षा और लोकतंत्र की मजबूती

2+2 वार्ता में इन मुद्दों पर होगी चर्चा

इस 2+2 वार्ता में दोनों देशों के बीच डिफेंस पार्टनरशिप को मजबूत करने और बढ़ाने पर चर्चा होगी। इसका नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी समकक्ष रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन करेंगे। इस वार्ता में द्विपक्षीय संबधों को मजबूत करने पर चर्चा होगी। साथ ही स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप, टेक्नोलॉजी, सप्लाई चेन, एजुकेशन कोऑपरेशन, डिफेंस पार्टनरशिप भी बातचीत के मुद्दे होंगे।

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रूस से रिश्तों को लेकर आगाह कर चुका है रूस

रूस और यूक्रेन के युद्ध को लेकर दोनों देशों को स्टैंड अलग-अलग है। अमेरिका, यूरोपीय यूनियन समेत कई पश्चिमी देश भारत के रुख की आलोचना करते रहे हैं। अमेरिका की तरफ से भारत को चेतावनी दी जा चुकी है कि अगर भारत रूस से अपने रिश्ते को जारी रखता है तो उसे कीमत चुकानी पड़ सकती है। इसके साथ ही अमेरिका ने भारत के सामने प्रस्ताव रखा था कि, वह उसे हथियार देगा। लेकिन एक शर्त यह भी रखी है कि रूस से मिलने वाले हथियारों पर निर्भरता कम करनी होगी। इसके अलावा भारत को रूस से तेल और गैस का आयात बंद करने के लिए कहा है।

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