
इंदौर। देव प्रबोधिनी एकादशी पर गन्ना बाजार में रौनक बढ़ गई है। इंदौर की चोइथराम सब्जी मंडी में गन्ने की बिक्री चरम पर है। देवउठनी एकादशी के इस शुभ अवसर पर गन्नों की बढ़ती मांग के चलते मंडी में करीब 100 ट्रक गन्ना महाराष्ट्र के विदर्भ से पहुंचा है। यहां काले गन्ने की डिमांड सबसे ज्यादा बनी हुई है, जिसे खरीदने के लिए व्यापारियों और ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
गन्ने की कीमत और डिमांड
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, देव प्रबोधिनी एकादशी पर तुलसी-शालिग्राम विवाह की परंपरा है, इसे भारतभर में मनाया जाता है। इसमें मंडप बनाने के लिए गन्नों का प्रयोग किया जाता है। इंदौर शहर में स्थित प्रदेश की सबसे बड़ी चोइथराम सब्जी मंडी में 100 ट्रक गन्ना महाराष्ट्र के विदर्भ से इंदौर पहुंचा है, जहां काला गन्ना सबसे ज्यादा डिमांड में है। मंडी में काला गन्ना जहां थोक बाजार में 25 रुपए नग बेचा जा रहा है वहीं भूरा गन्ना 20 रुपए नग मिल रहा है। मंडी में पहुंचे छोटे व्यापारियों के अपनी डिमांड के हिसाब से गन्ना खरीदा।
काले गन्ने की मांग अधिक
मंडी के व्यापारियों के अनुसार, काले गन्ने की मांग तुलसी विवाह और पूजन के लिए अधिक होती है, जिसके चलते इसका भाव हमेशा ऊंचा रहता है। खुले बाजार में यही काला गन्ना 50 रुपए प्रति नग तक बेचा जा रहा है। गन्ना व्यापारियों का कहना है कि एक ट्रक में करीब 10,000 गन्ने आते हैं। इस हिसाब से, 100 ट्रकों के माध्यम से मंडी में लगभग 10 लाख गन्ने पहुंचे हैं। व्यापारियों का अनुमान है कि छोटी दीपावली पर इस साल गन्ने के व्यापार से करोड़ों रुपये का कारोबार हो सकता है।
महाराष्ट्र के विदर्भ पहुंचा गन्ना
गन्ना व्यापारी अंकित राठौर ने बताया, “हर साल देव प्रबोधिनी एकादशी पर गन्ने की मांग बढ़ जाती है। इस बार महाराष्ट्र के विदर्भ से काफी मात्रा में गन्ना लाया गया है। विशेष रूप से काले गन्ने की मांग बहुत ज्यादा है और इसके थोक और खुदरा मूल्य में बड़ा अंतर है।”
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