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UK में ऋषि सुनक बनें पीएम… भारत में सियासी दंगल शुरू, महबूबा बोलीं- हम CAA-NRC में ही उलझे हैं; BJP ने दिया ये जवाब

भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गए हैं। इस ऐलान के बाद जिस कदर ब्रिटेन की सियासत बदली ठीक उसी तरह इसका प्रभाव भारत पर भी देखने को मिल रहा है। ऋषि सुनक की पीएम पद पर ताजपोशी की पुष्टि होने के साथ ही भारत में भी कुछ लोगों ने अल्पसंख्यकों और शरणार्थियों के अधिकारों को लेकर सवाल उठाया है।

भारत में सियासत शुरू

भारत की राजनीति में ऋषि सुनक की चर्चाएं तेजी हो गईं और इस बात पर सवाल उठने लगा कि क्या ‘भारत में भी कोई अल्पसंख्यक प्रधानमंत्री बन सकता है।’ महबूबा मुफ्ती इस पूरे मसले पर एनआरसी को ले आईं तो वहीं बीजेपी ने यह सवाल कर दिया कि क्या जम्मू कश्मीर में माइनॉरिटी सीएम को स्वीकार किया जाएगा।

क्या बोलीं महबूबा मुफ्ती?

जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि, जहां ब्रिटेन ने अल्पसंख्यक मूल के एक शख्स को अपने पीएम के तौर पर स्वीकार किया है। वहीं भारत अभी भी CAA और NRC जैसे विभाजनकारी कानूनों में उलझा हुआ है। कांग्रस नेता शशि थरूर ने भी ऐसे ही विचार जाहिर किए हैं।

बीजेपी ने किया पलटवार

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने महबूबा मुफ्ती के इस ट्वीट पर पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “ऋषि सुनक के यूके के पीएम के रूप में चुने जाने के बाद भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर टिप्पणी करते हुए महबूबा मुफ्ती का ट्वीट देखा। महबूबा मुफ्ती जी! क्या आप जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगी? कृपया उत्तर दें।”

रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा, “ब्रिटेन के पीएम के रूप में ऋषि सुनक के चुनाव के बाद कुछ नेता बहुसंख्यकवाद के खिलाफ अति सक्रिय हो गए। एपीजे अब्दुल कलाम की असाधारण अध्यक्षता और मनमोहन सिंह के 10 सालों के कार्यकाल के बारे में उन्हें धीरे से याद दिलाना। एक प्रतिष्ठित आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू अब हमारी राष्ट्रपति हैं।”

‘भारत को किसी से सीखने की जरूरत नहीं’

बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने ट्वीट किया – “भारत, जिसमें तीन मुस्लिम और एक सिख राष्ट्रपति, 10 साल तक एक सिख पीएम, शीर्ष न्यायिक पदों पर अल्पसंख्यक और यहां तक कि सशस्त्र बलों को भी किसी अन्य देश से विविधता और समावेशिता के बारे में सीखने की जरूरत नहीं है। महबूबा को अपनी बात पर रहना चाहिए और जम्मू-कश्मीर के सीएम के लिए एक हिंदू का समर्थन करना चाहिए।

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