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National Herald Case: सोनिया से ED की पूछताछ खत्म, मोतीलाल वोरा को बताया आर्थिक फैसलों का जिम्मेदार!

नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से बुधवार को 3 घंटे पूछताछ की। सोनिया गांधी से तीन दिनों में करीब 12 घंटे की पूछताछ की गई है। अभी तक उन्हें कोई नया समन जारी नहीं किया गया है। वहीं इस पूछताछ के विरोध में कांग्रेस ने एक बार फिर सड़क से लेकर संसद तक प्रदर्शन किया।

ED के सवाल का राहुल-सोनिया ने दिया एक ही जवाब

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांच एजेंसी ने उनसे एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े वित्तीय लेनदेन के बारे में पूछा। ED ने पूछा कि, यंग इंडिया के लेन-देन से जुड़ी कितनी बैठकें आपके आवास 10 जनपथ पर हुई? इसके जवाब में सोनिया ने राहुल की तरह ही ईडी के अधिकारियों को बताया कि वित्त संबंधी सभी मामले मोतीलाल वोरा संभाला करते थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूछताछ के दौरान सोनिया ने ठीक उसी तरह के जवाब दिए, जैसे राहुल गांधी ने दिए थे। बता दें कि मोतीलाल वोरा का साल 2020 में निधन हो चुका है। वह कांग्रेस के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले कोषाध्यक्ष रहे हैं। राहुल और सोनिया गांधी के अलावा कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन कुमार बंसल ने भी ईडी को यही जवाब दिया था।

तीन दिन… 12 घंटे पूछताछ

पहली बार सोनिया 21 जुलाई को ED दफ्तर पहुंचीं थीं और उनसे 3 घंटे पूछताछ हुई। इसके बाद 5 दिन का ब्रेक मिला। उन्हें 26 जुलाई को बुलाया गया और 6 घंटे तक सवाल हुए। कुल 12 घंटे हुई पूछताछ के दौरान उनसे 100 से ज्यादा सवाल किए गए हैं। सोनिया के स्वास्थ्य को देखते हुए ईडी ने एक व्यक्ति को उनके साथ दफ्तर में मौजूद रहने की अनुमति दी है। जिसके चलते सोनिया गांधी के साथ प्रियंका गांधी भी थीं।

राहुल समेत 50 सांसद को हिरासत में लिया

मंगलवार को जब सोनिया से पूछताछ हो रही थी तो दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। राहुल गांधी ने भी ईडी की कार्रवाई का विरोध करते हुए विजय चौक पर धरना दिया था। जिसके बाद राहुल गांधी समेत कांग्रेस के 50 सांसदों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया। सोनिया से पूछताछ खत्म होने के बाद इन सांसदों को छोड़ा गया। हिरासत में लिए जाने के बाद राहुल ने कहा- देश को पुलिस स्टेट बना दिया है।

वहीं कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि हम बुधवार को भी देशभर में अपना ‘सत्याग्रह’ जारी रखेंगे। लोगों के मुद्दों को उठाएंगे। दिल्ली में हम अपने केंद्रीय कार्यालय में विरोध करेंगे।

ED की टीम राहुल से कर चुकी है 50 घंटे की पूछताछ

इससे पहले जून के मध्य में ईडी ने राहुल गांधी से लगातार पांच दिनों तक पूछताछ की थी। ED ने उनसे करीब 50 घंटे की पूछताछ की थी। इस दौरान भी कांग्रेस नेताओं ने जमकर प्रदर्शन किया था। सोनिया गांधी को भी जून में समन किया गया था, उन्हें 8 जून को पेश होना था। लेकिन खराब सेहत का हवाला देकर उन्होंने आगे की तारीख मांगी थी।

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

लगभग 10 साल पुराने इस केस की जड़ें आजादी से पहले निकले एक अखबार से जुड़ी हैं। जिसे जवाहर लाल नेहरू ने निकाला था। इस केस में करोड़ों रुपए की जायदाद पर मालिकाना हक का विवाद है।

कांग्रेस नेताओं पर घाटे में चल रहे  नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप है।

क्या है नेशनल हेराल्ड?

20 नवंबर 1937: देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने को एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी AJL का गठन किया था। इसका उद्देश्य अलग-अलग भाषाओं में समाचार पत्रों को प्रकाशित करना था। तब AJL के अंतर्गत अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज समाचार पत्र प्रकाशित हुए।

  • AJL पर मालिकाना हक कभी भी प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू का नहीं रहा। इस कंपनी को 5000 स्वतंत्रता सेनानी सपोर्ट कर रहे थे और वही इसके शेयर होल्डर भी थे।
  • 90 के दशक में ये अखबार घाटे में आने लगे। साल 2008 तक AJL पर 90 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज चढ़ गया। तब AJL ने फैसला किया कि अब समाचार पत्रों का प्रकाशन नहीं किया जाएगा। अखबारों का प्रकाशन बंद करने के बाद AJL प्रॉपर्टी बिजनेस में उतरी।
  • 2010 में AJL के 1057 शेयरधारक थे। घाटा होने पर इसकी होल्डिंग यंग इंडिया लिमिटेड यानी YIL को ट्रांसफर कर दी गई। यंग इंडिया लिमिटेड की स्थापना उसी वर्ष यानी 2010 में हुई थी।

यंग इंडिया लिमिटेड का हिस्सा कौन था?

इसमें तत्कालीन कांग्रेस पार्टी के महासचिव राहुल गांधी डायरेक्टर के रूप में शामिल हुए। कंपनी में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के पास रखी गई। शेष 24 फीसदी कांग्रेस नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस (दोनों का निधन हो चुका है) के पास थी।

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क्या है विवाद?

शेयर ट्रांसफर होते ही AJL के शेयर होल्डर्स सामने आ गए। पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण, इलाहाबाद व मद्रास उच्च न्यायालयों के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू सहित कई शेयरधारकों ने आरोप लगाया कि जब YIL ने AJL का ‘अधिग्रहण’ किया था तब उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया था। यही नहीं, शेयर ट्रांसफर करने से पहले शेयर होल्डर्स से सहमति भी नहीं ली गई। बता दें कि शांति भूषण और मार्कंडेय काटजू के पिता के नाम पर AJL में शेयर था।

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2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने दर्ज कराया था मामला

भाजपा के नेता और देश के नामी वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, पत्रकार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा के खिलाफ मामला दर्ज कराया। तब केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी।

सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि YIL ने 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति और लाभ हासिल करने के लिए “गलत” तरीके से निष्क्रिय प्रिंट मीडिया आउटलेट की संपत्ति को “अधिग्रहित” किया।

स्वामी ने यह भी आरोप लगाया कि YIL ने 90.25 करोड़ रुपए की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपए का भुगतान किया था, जो AJL पर कांग्रेस पार्टी का बकाया था। यह राशि पहले अखबार शुरू करने के लिए कर्ज के रूप में दी गई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि AJL को दिया गया कर्ज “अवैध” था, क्योंकि यह पार्टी के फंड से लिया गया था।

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