
भोपाल। एमबीबीएस की परीक्षा और उसके परिणामों को लेकर छात्र और मेडिकल विवि एक बार फिर आमने सामने है। दरअसल, एमबीबीएस के फाइनल इयर के कई छात्रों का परीक्षा परिणाम अटक गया है। छात्रों का कहना है कि रिजल्ट देर से आने का इसका असर उनकी इंटर्नशिप पर पड़ेगा। प्रदेशभर से करीब 800 से ज्यादा छात्रों का परिणाम अटका है। इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि कॉपी की डिजिटलाइज्ड चेकिंग की जाती है। कई बच्चे ओएमआर शीट सही तरीके से नहीं भरते हैं। इसके चलते उनका रिजल्ट अटका है। प्रदेश में कुल 1728 मेडिकल स्टूडेंट परीक्षा में बैठे थे। इनमें से लगभग 117 का रिजल्ट अटक गया है। वहीं सूत्रों के अनुसार अकेले भोपाल में 150 से ज्यादा बच्चों का रिजल्ट जारी नहीं किया गया है।
मानसिक रूप से तनाव में स्टूडेंट्स
जेडीए यूजी विंग मप्र के मुख्य सलाहकार डॉ. आकाश सोनी का कहना है कि यूनिवर्सिटी को अपनी व्यवस्था ठीक करनी चाहिए। रिजल्ट न आना या कुछ छात्रों का देरी से आने से छात्रों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। यह उचित नही है, इसे सुधारना चाहिए।
बच्चों की गल्तियों से लटका रिजल्ट
एमपीएमएसयू के एग्जाम कंट्रोलर डॉ. सचिन कुचिया का कहना है कि पेपर डिजिटलाइज्ड चेक होता है। हर साल कुछ बच्चे ओएमआर शीट गलत भरते हैं। जिससे उनका रिजल्ट अटक जाता है। बचे हुए रिजल्ट एक-दो दिन में जारी हो जाएंगे।