
येरुशलम। एक शोध में यह बात सामने आई है कि एक तरह की बीमारियों में महिला मरीजों की तुलना में पुरुषों को ज्यादा दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं। इजराइल की राजधानी येरुशलम में स्थित हिब्रू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शोहम चोशेन हिलेल और मिका गुजिकेविट्स के नेतृत्व में किए गए शोध से पता चला है कि आपातकालीन कक्षों में दर्द के इलाज में महिलाओं और पुरुषों को दी जाने वाली दर्द निवारक दवाओं में अंतर होता है।
शोध से पता चला है कि दर्द के स्तर, आयु, चिकित्सा इतिहास और शिकायतों पर विचार करने के बाद भी महिला रोगियों को पुरुष रोगियों की तुलना में कम दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं। यह शोध कहता है कि महिलाओं के दर्द को पुरुषों के दर्द की तरह गंभीरता से नहीं लिया जाता।
अमेरिकी और इजरायली स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड का विश्लेषण कर शोधकर्ताओं ने पाया कि आपातकालीन विभाग से छुट्टी पाने वाली महिला मरीजों को पुरुष मरीजों की तुलना में दर्द की शिकायतों के लिए उपचार मिलने की संभावना कम होती है। उन्होंने कहा, महिला रोगियों के दर्द का इस तरह से कम उपचार किए जाने से महिलाओं के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे संभावित रूप से ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। इससे कई जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।