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PM Modi US Visit : कुछ ही देर में करेंगे ट्रंप से मुलाकात… तुलसी गबार्ड से मिले, जानिए क्या है भारत का एजेंडा

वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह 4:30 बजे अमेरिका पहुंचे। उनकी यह दो दिवसीय यात्रा कई महत्वपूर्ण राजनीतिक और व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा के लिए अहम मानी जा रही है। मोदी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी नई टैरिफ नीतियों को लागू कर रहे हैं, जो वैश्विक व्यापार संतुलन को प्रभावित कर सकती हैं।

तुलसी गबार्ड से मोदी की पहली मुलाकात

अमेरिका पहुंचते ही पीएम मोदी ने सबसे पहले अमेरिकी नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड से मुलाकात की। हाल ही में तुलसी गबार्ड को अमेरिकी सीनेट ने नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया है। इस पद पर रहते हुए वे CIA, NSA और अमेरिका की 18 अन्य खुफिया एजेंसियों की जिम्मेदारी संभालेंगी। मोदी ने उन्हें इस नई जिम्मेदारी के लिए बधाई दी और दोनों नेताओं ने आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और उभरते खतरों पर आपसी सहयोग को लेकर चर्चा की।

आज रात ट्रंप से मिलेंगे पीएम मोदी, किन मुद्दों पर होगी बातचीत

प्रधानमंत्री मोदी भारतीय समयानुसार शुक्रवार रात 2:30 बजे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत होगी, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल होंगे।

  1. अवैध भारतीय अप्रवासी और सम्मानजनक वापसी

प्यू रिसर्च के मुताबिक, अमेरिका में करीब 7.25 लाख से अधिक अवैध भारतीय अप्रवासी रह रहे हैं। नवंबर 2024 में ICE (इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट) ने 20,407 भारतीयों को चिह्नित किया था, जिन्हें बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका में रहने के कारण निर्वासित किया जा सकता है। भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है, लेकिन उनकी हथकड़ी पहनाकर वापसी पर भारत ने आपत्ति जताई है। पीएम मोदी इस विषय पर ट्रंप से चर्चा करेंगे ताकि भविष्य में भारतीय नागरिकों को सम्मानजनक तरीके से वापस भेजा जाए।

  1. टैरिफ और व्यापार शुल्क पर बातचीत

डोनाल्ड ट्रंप दोबारा सत्ता में आने के बाद कनाडा, मेक्सिको और चीन पर भारी टैरिफ लगा चुके हैं, लेकिन भारत को अब तक इससे छूट मिली हुई है। हालांकि, ट्रंप ने भारत के उच्च टैरिफ रेट की आलोचना कई बार की है। अगर ट्रंप ने भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ (पारस्परिक शुल्क) लगाया तो यह भारतीय निर्यातकों के लिए चुनौती बन सकता है।

  1. अमेरिका-भारत द्विपक्षीय व्यापार

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और 2022 में भारत अमेरिका का 8वां सबसे बड़ा निर्यातक था। दोनों देशों के बीच व्यापार में अमेरिका की हिस्सेदारी 10.73% है। इस यात्रा में व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने और निवेश को बढ़ावा देने पर कई समझौते हो सकते हैं।

  1. रक्षा सहयोग और इंडो-पैसिफिक रणनीति

भारत अमेरिका से P-8I निगरानी विमान खरीदने के सौदे पर नजर बनाए हुए है, जो भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा। इसके अलावा, दोनों नेताओं के बीच इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा, QUAD साझेदारी और दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर चर्चा हो सकती है।

  1. वीजा नीति में सुधार

अमेरिका में भारतीय प्रवासियों के लिए H-1B वीजा नीति में सुधार पर भी चर्चा हो सकती है। अमेरिकी कंपनियों में भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स की महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन हाल के वर्षों में वीजा नीति में कड़े नियम लागू किए गए हैं। पीएम मोदी इस विषय पर ट्रंप प्रशासन के साथ बातचीत करेंगे।

  1. इंडिया-ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर

भारत और अमेरिका के बीच यूरोप और एशिया को व्यापारिक रूप से जोड़ने वाले इंडिया-ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर को लेकर सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा हो सकती है।

ट्रंप के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस

ट्रंप के साथ बैठक के बाद पीएम मोदी और ट्रंप एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस (भारतीय समयानुसार 14 फरवरी को सुबह 3:40 बजे) कर सकते हैं। इसके बाद ट्रंप की ओर से आयोजित स्टेट डिनर में भी मोदी शामिल होंगे।

टेस्ला सीईओ एलन मस्क से भी मिल सकते हैं मोदी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएम मोदी की मुलाकात टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क से भी हो सकती है। यह बैठक भारतीय समयानुसार शुक्रवार को होगी। बैठक के दौरान भारत में टेस्ला के इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) प्लांट लगाने को लेकर चर्चा हो सकती है। अगर यह करार होता है, तो भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर को बड़ी मजबूती मिलेगी।

ब्लेयर हाउस में ठहरेंगे मोदी

अपने अमेरिकी दौरे के दौरान पीएम मोदी व्हाइट हाउस के ठीक सामने स्थित ब्लेयर हाउस में ठहरेंगे। यह प्रेसिडेंट गेस्ट हाउस है, जहां दुनिया के बड़े नेता ठहरते हैं।

ट्रंप का आक्रामक टैरिफ रुख

ट्रंप ने हाल ही में रेसिप्रोकल टैरिफ नीति का ऐलान किया है, जिसके तहत जो देश अमेरिका पर जितना टैरिफ लगाता है, अमेरिका भी उस पर उतना ही टैरिफ लगाएगा। अगर यह नीति भारत पर लागू होती है, तो भारतीय निर्यातकों पर इसका असर पड़ सकता है।

क्या मोदी का ‘ट्रंप कार्ड’ फिर साबित होगा मास्टरस्ट्रोक

मोदी की यह यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों में एक नया युग शुरू कर सकती है। ट्रंप प्रशासन की नीतियों के चलते यह देखना दिलचस्प होगा कि टैरिफ, वीजा नीति और प्रवासी भारतीयों के मुद्दों पर ट्रंप का क्या रुख रहता है। यह दौरा भारत-अमेरिका रक्षा, व्यापार और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने में कितना सफल होता है, यह आने वाले समय में साफ होगा।

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