
प्रीति जैन- चर्चित मेडिकल जर्नल सकुर्लेशन: हार्ट फेल्योर में कुछ माह पहले रिसर्च प्रकाशित हुई थी, जिसके मुताबिक अगर आपके घर के आधा किलोमीटर के दायरे में फास्ट फूड की दुकानें हैं तो आपको दिल का दौरा पड़ने का खतरा दूसरों की अपेक्षा 16 फीसदी ज्यादा है। ऐसा होने पर बहुत संभावना इसी बात की है कि आप भूख लगने पर फास्ट फूड खा रहे होंगे।
न्यूट्रीशनिस्ट्स का कहना है कि फास्ट फूड को खाने से रोकने की बजाए हम इसे सेंसिबल ढंग से खाने की बात करते हैं। मसलन, फास्ट फूड में वेजी का यूज हो या फिर फाइबर रिच फास्ट फूड हो। सिर्फ मैदे के बेस पर मेयोनीज व चीज के साथ फास्ट फूड खाना अच्छा विकल्प नहीं है। सोडियम इंटेक बढ़ने की वजह से इसे हफ्ते में एक ही बार खाने की ही सलाह देते हैं।
न्यूट्रीशन को एब्जॉर्ब करना मुश्किल बनाता है
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश हुई एक रिसर्च के मुताबिक फास्ट फूड में सोडियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जिसका सीधा असर ब्लड वेसल्स पर पड़ता है। इसके चलते ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगती हैं, जो ब्लड प्रेशर बढ़ने व हार्ट अटैक की वजह बन सकता है। फास्ट फूड शरीर के लिए न्यूट्रीशन को एब्जॉर्ब करना मुश्किल बनाता है।
घर में फास्ट फूड को हेल्दी बनाने के खास टिप्स
- पिज्जा के लिए मैदे के बेस की जगह मल्टीग्रेन बेस लें।
- फास्ट फूड में हरी सब्जियों को शामिल करें, ताकि फाइबर मिले।
- बर्गर व पिज्जा में सॉस की जगह धनिया और मूंगफली की चटनी का यूज करें।
- फास्ट फूड में ब्रोकली, नट्स की चटनी को शामिल करके इसे हेल्दी बना सकते हैं।
इंस्टेंट फूड में होती है सोडियम की अधिकता
डब्लूएचओ ने ट्रांस फैट को हृदय रोगों का एक बड़ा कारण बताया है। इंस्टेंट नूडल्स और सूप में सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसके अधिक सेवन से हाई बीपी, किडनी रोग और हृदय रोग होते हैं। बच्चे हो या बड़े फास्ट फूड वीक में एक बार ही खाएं ताकि शरीर बीमारियों का घर न बनें। -निधि शुक्ला पांडे, डायटीशियन
सोच-समझकर फास्ट फूड खाना ही बेहतर होगा
फास्ट फूड बहुत तेजी से दुनियाभर में लोकप्रिय हुआ है, जिसे रोकना अब बस में नहीं। ऐसे फैक्ट्स भी सामने आ रहे हैं, जो बताते हैं कि ऐसे खानपान से इम्यून सिस्टम पूरी तरह से डिस्टर्ब हो जाता है, जबकि इम्यून सिस्टम का काम बीमारियों को रोकना है, इसलिए फास्ट फूड सोच-समझकर ही खाएं। – डॉ. अलका दुबे, न्यूट्रीशनिस्ट