
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नए वित्त वर्ष 2022-23 की पहली क्रेडिट पॉलिसी जारी कर दी है। इसमें रेपो रेट को 4% पर जस का तस रखा है जबकि रिवर्स रेपो रेट में 0.40% की बढ़ोतरी कर 3.75% कर दिया है। यानी आपकी EMI पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
GDP ग्रोथ अनुमान
वित्त वर्ष 2023 के लिए रियल GDP ग्रोथ अनुमान 7.8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी पर रखा गया है। मोनेटरी पॉलिसी में नीतिगत दरों को यथावत रखने के साथ ही आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर बढ़िया रहने का अनुमान जताया है। ये पहली तिमाही में 16.2%, दूसरी तिमाही में 6.2%, तीसरी तिमाही में 4.1% और चौथी तिमाही में 4% रह सकती है।
RBI गवर्नर की बड़ी बातें
- FY23 GDP ग्रोथ अनुमान 7.8% से घटाकर 7.2%
- FY23 के Q2 में GDP ग्रोथ अनुमान 7% से घटाकर 6.2%
- FY23 के Q3 में GDP ग्रोथ अनुमान 4.3% से घटाकर 4.1%
- FY23 के Q4 में GDP ग्रोथ अनुमान 4.5% से घटाकर 4%
- FY23 में रिटेल महंगाई दर अनुमान 4.7 से बढ़ाकर 5.7%
- GDP ग्रोथ अनुमान कच्चे तेल के 100 डॉलर प्रति बैरल पर आधारित
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कही ये बात
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि दरों को लेकर अकोमोडेटिव रुख बरकरार है। सभी सदस्यों की सहमति से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, सप्लाई चेन को लेकर ग्लोबल मार्केट दबाव में है। उन्होंने ये भी कहा कि बाजार से लिक्विडिटी धीरे-धीरे बाहर निकाली जाएगी। RBI हर दो महीने पर पॉलिसी रिव्यू मीटिंग करती है। FY23 की यह पहली रिव्यू मीटिंग है।
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मई 2020 में बदली थी दरें
रिजर्व बैंक ने 11वीं बार भी नीतिगत दरों को समान स्तर पर बनाए रखा है। ये लगातार 11वीं बार है जब केंद्रीय बैंक (Central Bank) ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इससे पहले, रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई 2020 को रेपो रेट में बदलाव किया था। तब से ये 4% के अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर बनी हुई हैं।
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क्या होती है रेपो व रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट वह रेट होता है जिस पर RBI से बैंकों को कर्ज मिलता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस दर पर बैंकों को RBI के पास अपना पैसा रखने पर ब्याज मिलता है।