
भोपाल। अशोका गार्डन इलाके में स्थित मध्य भारत साख सहकारी समिति मर्यादित के मैनेजर पर लोगों के 8 करोड़ रुपए लेकर फरार होने का मामला सामने आया है। लोगों का आरोप है कि अशोका गार्डन ब्रांच के मैनेजर शहजाद खान और उसकी पत्नी सीमा लोगों के पैसे डायरी पर एंट्री करवाकर जमा करते थे। इस धोखाधड़ी के शिकार सभी पीड़ित शिकायत लेकर कमिश्नर ऑफिस पहुंचे।
करीब 800 लोग करते थे डायरी के जरिए पैसे जमा
सोमवार रात शहजाद और उसकी पत्नी दोनों करोड़ों रुपए की हेराफेरी करके फरार हो गए। वे जमा हो रहे पैसों की एंट्री डायरी पर करते थे, चूंकि ऐसे ट्रेंड कुछ अन्य आधिकारिक कंपनियां भी करती रही हैं, ऐसे में लोगों का भरोसा जीतने में आसानी हुई।
घर से हुए फरार
इसमें पीड़ितों के दस हजार से लेकर तकरीबन तीन लाख रुपए जमा थे, पैसा जमा करने वाले लोगों की कुल संख्या 800 है। जब लोगों ने अपने पैसे मांगने शुरू किए, तब शहजाद खान ने लोगों के पैसे लौटाने में टाल मटोल की। यह सिलसिला कुछ दिनों तक चलता रहा। लेकिन जब मंगलवार को लोग अपने पैसे लेने दफ्तर मध्य भारत साख सहकारी समिति मर्यादित दफ्तर पहुंचे, तो पाया कि वहां ताला लगा हुआ है। वहां कोई मौजूद नहीं था। जब उन्हें ढ़ूंढने लोग ठगों के घर पहुंचे तो पाया वहां भी यही हाल है। घर पर सिर्फ शहजाद खान के मां-बाप मौजूद थे। हालांकि, अब वो लोग भी घर छोड़कर जा चुके हैं। उसने अपना मकान भी किसी के पास गिरवी रखा हुआ है। मकान पर पहले से ही उसने लोन ले रखा है।
रुपए मंगने पर बनाता था बहाने
एक पीड़िता गोमती मास्के ने बताया कि वो सुदामा नगर गोविंदपुरा निवासी हैं। वो मध्य भारत साख सहकारी समिति मर्यादित में 200 रुपए रोज डायरी के जरिए जमा करती थीं। उन्होंने इसी महीने डायरी के जरिए जमा हो रहे पैसे को बंद करने का सोचा था, पर इससे पहले ही मैनेजर फरार हो गया। उनके करीब 56 हजार रुपए जमा थे।
वहीं, मामले एक एक और पीड़ित हरिओम पाटीदार का कहना है कि वो करीब 5 साल से मध्य भारत कंपनी से जुड़े हुए हैं। वो सेविंग्स के तौर पर रुपए जमा करते थे। उन्होंने जब जमा किए गए रुपए शहजाद खान से मांगे तो वो लगातार बहाने बनाता रहा। कभी कहता था कि अब्बू बीमार हैं, कभी कुछ और बहाना बनाता था। करीब 800 लोगों के 8 करोड़ रुपए जमा थे। उसने पैसे लौटाने का भरोसा दिलाने के लिए किसी को अपनी गाड़ी दे दी, तो किसी को चेक थमा दिया। जिससे लोगों को सांत्वना मिल जाता था।
कलेक्शन एजेंटों को नहीं मिली 3 महीने की सैलरी
मध्य भारत में कलेक्शन एजेंट विवेक और जयचंद साहू ने बताया कि सर शहजाद खान और उसकी पत्नी सीमा अचानक ही गायब हो गए। कलेक्शन एजेंट को भी 3 महीने की सैलरी नहीं दी गई है। उनके मम्मी पापा से भी पूछा पर उन्होंने कहा कि उनको कुछ मालूम नहीं है कि वो लोग कहां गए हैं।
पुलिस ने अभी तक नहीं की है कार्रवाई
एकत्रित हुए पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने अशोका गार्डन और न्यू मार्कट थाने में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए वो कमिश्नर ऑफिस के बाहर आवेदन देने के लिए एकत्रित हुए हैं। अगर कुछ नहीं होता है तो वो सहकारी मंत्री विश्वास सारंग को आवेदन देंगे।
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