जबलपुरमध्य प्रदेश

गांधी जयंती पर पहली बार MP में कैदियों की रिहाई : जबलपुर सेंट्रल जेल से 63 बंदियों को छोड़ा, इसमें एक महिला भी शामिल

जबलपुर। गांधी जयंती के अवसर पर मध्य प्रदेश में पहली बार जेल विभाग ने अच्छे व्यवहार और चाल-चलन वाले कैदियों को रिहाई दी है। जबलपुर के सेंट्रल जेल से आज आजीवन कारावास की सजा काट रहे 63 कैदियों को रिहा किया गया। इनमें एक महिला कैदी और कुल 62 पुरुष को रिहा कर दिया गया।

15 अगस्त और 26 जनवरी का था प्रावधान

बता दें कि अभी तक सिर्फ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर कैदियों को छोड़ने का प्रावधान था, लेकिन राज्य सरकार के आदेश के बाद अब कैदियों को वर्ष में 4 बार छोड़े जाने का प्रावधान किया गया हैं। इसके पहले कुछ महीने या कुछ दिन कम होने के कारण कैदी रिहा होने से वंचित हो जाते थे। जिन्हें स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस का इंतजार करना पड़ता था।

एक साल में चार बार रिहा होंगे कैदी

मप्र शासन के द्वारा अब स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस के अलावा दो अन्य दिन गांधी जयंती व अंबेडकर जयंती के अवसर पर अच्छे व्यवहार और चाल-चलन वाले कैदियों को रिहा करने का आदेश जारी किया है। अब वर्ष में चार बार रिहा होने की तिथि के कारण जेल में बंद कैदियों को लाभ मिलेगा।

परिवार को देख भाव विभोर हुए कैदी

जबलपुर की नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल से 63 बंदियों को रविवार दोपहर में रिहा कर दिया गया। इस दौरान जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर ने सभी कैदियों को अपने जीवन को सफल बनाने की शुभकामनाएं दी। वहीं, कैदी परिवार को साथ देखकर भाव विभोर भी हो गए।

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कैदियों ने कहा जीवन में ऐसी गलती नहीं की जाएगी। जिसका परिणाम हमें और हमारे परिवार को भी भुगतना पड़े। जेल से छूटने के बाद कैदियों के चेहरे पर खुशी नजर आई। उनको श्रीफल और मिठाई देकर आगे के जिंदगी की शुभकामनाएं दी है।

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