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PM मोदी ने किया P20 समिट का उद्घाटन : बोले- यह शिखर सम्मेलन विश्व की संसदीय प्रथाओं का महाकुंभ, आतंकवाद के खिलाफ होना ही होगा सख्त

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (13 अक्टूबर) को 9वें G20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (P20) समिट का उद्घाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा- P20 समिट, उस भारत-भूमि पर हो रही है, जो मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। यह समिट एक प्रकार से दुनिया भर की अलग-अलग संसदीय प्रथाओं का महाकुंभ है। वहीं आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि, आतंकवाद के खिलाफ सख्ती बरतनी ही होगी।

P20 समिट का आयोजन दिल्ली के द्वारका स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’ में किया जा रहा है। इसकी थीम ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद’ रखी गई है। इस समिट के सभी कार्यक्रम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के नेतृत्व में होंगे।

हमारा देश मदर ऑफ डेमोक्रेसी है : PM मोदी

9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) में PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि, P20 समिट उस भारत-भूमि पर हो रही है, जो मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। यह समिट एक प्रकार से दुनिया भर की अलग-अलग संसदीय प्रथाओं का महाकुंभ है। आप सभी प्रतिनिधि अलग-अलग संसदीय कार्यशैली के अनुभवी हैं। आपका इतने समृद्ध लोकतांत्रिक अनुभवों के साथ भारत आना हम सभी के लिए बहुत सुखद है।

भारत में हम चुनाव को सबसे बड़ा पर्व मानते हैं : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा- अगले साल भारत में फिर एक बार आम चुनाव होने जा रहा है। मैं P20 शिखर सम्मेलन में आए आप सभी प्रतिनिधियों को अगले साल होने वाले आम चुनाव को देखने के लिए अग्रिम निमंत्रण देता हूं। भारत को आपकी फिर से मेज़बानी करने में बहुत खुशी होगी।

भारत में हम लोग आम चुनाव को सबसे बड़ा पर्व मानते हैं। 1947 में आज़ादी मिलने के बाद से अब तक भारत में 17 आम चुनाव और 300 से अधिक विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव ही नहीं कराता बल्कि इसमें लोगों की भागीदारी भी बढ़ रही है। देशवासियों ने मेरी पार्टी को लगातार दूसरी बार विजयी बनाया है। 2019 का आम चुनाव मानव इतिहास की सबसे बड़ी मानव कसरत थी। इसमें 60 करोड़ वोटर ने हिस्सा लिया। तब भारत में 91 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे, जो पूरे यूरोप की कुल आबादी से अधिक है… यह दिखाता है कि भारत में लोगों का संसदीय प्रक्रियाओं में कितना भरोसा है।

आतंकवाद को लेकर हम सभी को सख्ती बरतनी होगी : PM मोदी

करीब 20 साल पहले आतंकवादियों ने हमारी संसद को निशाना बनाया था। उस समय संसद का सत्र चल रहा था और आतंकवादियों की मंशा सांसदों को बंदी बनाने और उनको खत्म करने की थी… दुनिया को भी एहसास हो रहा है कि आतंकवाद दुनिया के लिए कितनी बड़ी चुनौती है। आतंकवाद जहां भी होता, किसी भी कारण, किसी भी रूप में होता वह मानवता के विरुद्ध होता है। ऐसे में आतंकवाद को लेकर हम सभी को सख्ती बरतनी होगी… आतंकवाद की परिभाषा को लेकर आम सहमति ना बन पाना बहुत दुखद है। आज भी UN इसका इंतजार कर रहा है। दुनिया के इसी रवैया का फायदा मानवता के दुश्मन उठा रहे हैं। दुनिया भर के प्रतिनिधियों को सोचना होगा की आतंकवाद के खिलाफ हम कैसे काम कर सकते हैं।”

लोकतंत्र हमारी सबसे अमूल्य विरासत है : लोकसभा अध्यक्ष

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने 9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) में कहा, “ये अत्यंत गौरव का विषय है कि भारत की अध्यक्षता में जी20 लीडर समिट में नई दिल्ली डिक्लेरेशन को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। ये भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व और वैश्विक दृष्टिकोण को दर्शाता है। ये वैश्विक चुनौतियों पर जी20 देशों की एकजुटता और प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है। पी20 सम्मेलन लोकतांत्रिक मूल्यों अंतरराष्ट्रीय संयोग तथा वैश्विक महत्व के विषयों एंव समकालीन चुनौतियों के समाधान से साझा संसदीय प्रयासों के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। लोकतंत्र हमारी सबसे अमूल्य विरासत है। लोकतंत्र हमारी जीवनशैली, आचार, विचार, व्यवहार में है। एक तरह से ये हमारी संस्कृति और संस्कार में आत्मसात है।”

दो दिवसीय सम्मेलन में कितने सत्र होंगे

इसमें 25 देशों के प्रिजाइडिंग ऑफिसर और G20 सदस्य देशों के 10 डिप्टी स्पीकर शामिल होंगे। 9-10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली G20 लीडर्स समिट में अफ्रीकी संघ के जी-20 का सदस्य बनने के बाद पैन-अफ्रीकी संसद पहली बार P20 शिखर सम्मेलन में भाग लेगी। 13-14 अक्टूबर को आयोजित होने वाले P20 समिट में चार सत्र होंगे। इस समिट के दौरान भारत दुनिया के सामने अपने लोकतांत्रिक इतिहास को रखने वाला है। इसके जरिए दुनिया को समानता, भाईचारा और एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की जाएगी। समिट के पहले दिन पार्लियामेंटरी फोरम ऑन लाइफ के थीम पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

संसदीय कार्य मंत्रालय ने दी जानकारी

संसदीय कार्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि, ‘इस P20 शिखर सम्मेलन के दौरान विषयगत सत्र निम्नलिखित चार विषयों पर केंद्रित होंगे- सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से लोगों के जीवन में परिवर्तन; महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास; एसडीजी में तेजी लाना और सतत ऊर्जा संक्रमण।’

कनाडा सीनेट स्पीकर नहीं होंगी शामिल

P20 समिट में कनाडा की स्पीकर रेमोंडे गैग्ने शामिल नहीं होंगी। कनाडा-भारत विवाद के बीच उन्होंने दिल्ली नहीं आने का फैसला किया है। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कनाडा की सीनेट की स्पीकर के साथ अनौपचारिक बातचीत में ‘‘कई मुद्दे’’ उठाने की बात कही थी।

9 और 10 सितंबर को G20 की सफल मेजबानी

P20 से पहले भारत ने सितंबर में G20 सम्मेलन की मेजबानी की थी। दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को चले G20 समिट में दुनियाभर के नेता एक दूसरे से मिले और चर्चा की। दिल्ली के भारत मंडपम में इसका आयोजन किया गया था। इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्यता को लेकर सवाल उठाया गया। वहीं G20 सम्मेलन के घोषणापत्र पर सभी देशों ने सहमति जताई। इसके अलावा भारत की सभी देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि, इस G20 सम्मेलन ने उम्मीदें बढ़ा दी हैं। ये संगठन जटिल से जटिल समस्याओं को भी हल कर सकता है। G20 समिट के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G20 की अध्यक्षता ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा को सौंपी और समिट का समापन किया।

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