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लैक्टोज इंटॉलरेंस और वेट लॉस के लिए प्लांट बेस्ड मिल्क है अच्छा विकल्प

वीगन डाइट फॉलो करने वाले और लैक्टोज इंटॉलरेंस की वजह से दूध न पीने वालों के लिए प्लांट बेस्ड मिल्क का ऑप्शन रहता है लेकिन अब इस बारे में ज्यादा जागरूकता आने से लोग इसे इस्तेमाल भी करने लगे हैं। इस बारे में डायटीशियंस का कहना है कि दूध से एलर्जी के चलते ऐसे लोग पहले दही या पनीर ही ले पाते थे, लेकिन अब उनके पास विकल्प है कि वे प्लांट बेस्ड मिल्क ले सकते हैं, जिसमें सोया मिल्क, राइस मिल्क, बादाम मिल्क, कोकोनेट मिल्क और ओट मिल्क शामिल हैं। यह शहर में अब उपलब्ध भी होने लगे हैं व ऑनलाइन भी मिलते हैं, जिसकी वजह से अब यह पॉपुलर हो रहे हैं। 22 अगस्त को वर्ल्ड प्लांट बेस्ड मिल्क डे इस दूध के प्रति जागरूक करने के लिए दुनिया भर में मनाया जाता है ताकि लोग प्लांट बेस्ड मिल्क के बारे में जानकर इसका सेवन करें और एनिमल मिल्क पर उनकी निर्भरत कम हो सके।

वेट लॉस व शुगर पेशेंट्स के लिए भी है अच्छा

लैक्टोज इंटॉलरेंस पाचन संबंधी विकार है। इसमें शरीर लैक्टोज को डाइजेस्ट नहीं कर पाता। दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स से एलर्जी लैक्टोज इंटॉलरेंस की वजह से होती है, तो ऐसे लोग अलग-अलग तरह के प्लांट बेस्ड मिल्क ले सकते हैं। इन्हें घर में भी तैयार किया जा सकता है। बाकी जिन लोगों को वेट लॉस करना होता है या शुगर की बीमारी होती है, वे भी इसे ले सकते हैं। -डॉ. विनीता मेवाड़े, डायटीशियन

ऑटिस्टिक बच्चों के लिए अच्छा विकल्प

ऑटिस्टिक बच्चों को प्लांट बेस्ड मिल्क का सुझाव देते हैं, क्योंकि एनिमल बेस्ड मिल्क में कैसिइन होता है जो डेयरी उत्पादों में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है। यह आंत में सूजन पैदा करके ऑटिज्म के लक्षणों को खराब कर सकते हैं जो मस्तिष्क तक फैल जाता है। इसके अलावा इसमें फैट नहीं होता इस वजह से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में भी प्लांट बेस्ड मिल्क पी सकते हैं। -डॉ. रश्मि श्रीवास्तव, डायटीशियन

फोर्टिफाइड प्लांट बेस्ड मिल्क लेना बेहतर

मैक्रोन्यूट्रिएंट के हिसाब से, प्लांट- बेस्ड सोया मिल्क गाय के दूध से मिलता-जुलता है। इसमें अन्य प्लांट बेस्ड दूध की तुलना में अधिक प्रोटीन (प्रति गिलास लगभग 8 ग्राम प्रोटीन) होता है। कोकोनट मिल्क में प्रोटीन नहीं होता है, और इसमें भरपूर (सैचुरेटेड) फैट होता है। इस तरह के दूध लैक्टोस व ग्लूटेन फ्री होते हैं। राइस मिल्क में अन्य प्लांट बेस्ड दूध की तुलना में कार्बोहाइट्रेड ज्यादा होता है, लेकिन ये सोया या नट्स से एलर्जी रखने वाले लोगों के लिए अच्छा विकल्प है। वहीं, ओट्स मिल्क में बादाम मिल्क की तुलना में अधिक प्रोटीन होता है, लेकिन राइस मिल्क की तुलना में कम कार्ब्स होता है। इसमें फाइबर होते हैं जिससे कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है। कैल्शियम के लिए फोर्टिफाइड राइस मिल्क लेना चाहिए क्योंकि इसमें इसकी मात्रा बहुत कम होती है। -डॉ. अल्का दुबे, डायटीशियन

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