भोपालमध्य प्रदेश

पीसी शर्मा ने BJP सरकार पर बोला हमला, कहा- किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन दर्द 100 गुना कर दिया

भोपाल। पूर्व मंत्री एवं विधायक पीसी शर्मा ने शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र में हो या राज्य में भाजपा सरकारें स्वभाव से किसान विरोधी हैं। शिवराज और मोदी सरकार ने देश के किसानों से वादा किया था कि 5 साल में किसानों की आमदनी दोगुनी कर दी जाएगी। लेकिन, किसानों की आमदनी दोगुना नहीं हुई, बल्कि उनका दर्द सौ गुना कर दिया है।

पीसी शर्मा ने कहा, मप्र की भाजपा सरकार फसलों के दाम मांगने पर किसानों के सीने में गोलियां उतार देती है और केंद्र की भाजपा सरकार किसान फसलों के दाम मांगे तो उनके सिर लहू लुहान किए जाती है, राहों में कील और कांटे बिछाती है। उन्हें खालिस्तानी और पाकिस्तानी बताती है।

मप्र में किसान ओलावृष्टि से परेशान है

पीसी शर्मा ने कहा, मप्र में भाजपा सरकार आने के वर्ष 2004 से 2021 तक 31295 किसान और खेतीहर मजदूर आत्महत्या के लिए बाध्य हुए हैं। आज समूचे मप्र के किसान ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से त्राहिमाम कर रहे हैं, 43 जिलों से अधिक के 3800 से अधिक गांवों में डेढ़ लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की गेहूं, चना, सरसों इत्यादि की फसल चौपट हो गई है। एक तरफ किसान गम के अंधकार में डूबा है, तो दूसरी ओर भाजपा सरकार अपने तीन साल पूरे होने के जश्न में डूबी हुई है।

मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ओलावृष्टि से तबाह हुई फसलों का खेतों पर पहुंचकर निरीक्षण करने के निर्देश सभी जिला/ शहर कांग्रेस कमेटियों को दिए हैं।

कृषि बजट में किया छलावा

पीसी शर्मा ने कहा, केंद्र की मोदी और प्रदेश की मामा सरकार ने एक तरफ तो लगातार यह ढ़िढोरा पीटा कि हम किसानों की बेहतरी के लिए बड़ा कृषि बजट बना रहे हैं, मगर असल में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग का बजट कुल देश के बजट की तुलना में लगातार कम किया गया। कुल केंद्रीय बजट के प्रतिशत में 2020-21 में कृषि का बजट 4.41 प्रतिशत था, जो कि 2021-22 में कम करके 3.53 प्रतिशत किया गया, 2022-23 में फिर कम करके 3.14 प्रतिशत और हाल ही में 2023-24 का बजट जो जारी किया गया, उसमें कृषि का बजट कुल देश के बजट का मात्र 2.57 प्रतिशत कर दिया गया।

केंद्र सरकार द्वारा 2019-20, 2020-21, 2021-22, और 2022-23 में क्रमशः 34517.70 करोड़ 23824.54 करोड़, 429.22 करोड़ और 19762.05 करोड़ रुपए अर्थात 78533.51 करोड़ खर्च ही नहीं किए और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के बजट के सरेंडर कर दिए।

शिवराज सरकार ने कृषि क्षेत्र को आघात पहुंचाया

यही हाल शिवराज सरकार का भी है। केंद्रीय प्रायोजित योजना में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग में 1211.51 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा था, जिसमें से राज्य का हिस्सा 478.21 करोड़ रुपए और केंद्र का हिस्सा 733.29 करोड़ रुपए था, जिसमें से केंद्र सरकार ने 28 फरवरी 2023 तक मात्र 163 करोड़ रुपए की राशि ही राज्य को भेजी अर्थात सिर्फ 22% और शिवराज सरकार ने भी अपनी ओर से इसकी अनुपातिक राशि से अधिक राशि खर्च की। अर्थात सिर्फ किसान के कल्याण के लिए वर्ष भर में केवल 22% राशि ही खर्च की गई।

किसान कल्याण एवं कृषि विभाग की केंद्र प्रायोजित बीस योजनाएं ऐसी थीं, जिसमें एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया। जैसे परंपरागत कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, सबमिशन ऑन फार्म वॉटर मेनेजमेंट, कृषि वानिकी सबमिशन, स्वाईल हेल्थ कार्ड योजना इत्यादि। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में मात्र 18 प्रतिशत राशि ही भेजी गई। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 43% अर्थात कृषि क्षेत्र को बहुत बुरा आघात पहुंचाया जा रहा है।

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