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नीतीश कुमार की समाधान यात्रा में हंगामा, सीएम के नहीं मिलने से नाराज लोगों ने जलाए पोस्टर… नारेबाजी भी की

कटिहार। बिहार के CM नीतीश कुमार की समाधान यात्रा के दौरान रविवार को कटिहार में हंगामा हो गया। यहां मुख्यमंत्री से नहीं मिलने दिए जाने से नाराज लोगों ने सड़क पर आगजनी और CM के खिलाफ नारेबाजी की। नाराज लोगों ने सड़क पर CM नीतीश कुमार और डिप्टी CM तेजस्वी यादव के पोस्टर जलाए।

लोगों का आरोप- सीएम हम लोगों से नहीं मिले

दरअसल, रविवार को कटिहार जिले के कोढ़ा प्रखंड अंतर्गत दिघरी पंचायत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काफिला तय जगहों पर गया। इस दौरान दूर-दूर तक खड़ी भीड़ को देखकर उनका काफिला नहीं रुका। लोग समस्याओं के समाधान के लिए आवेदन लिए दो घंटे से उनका इंतजार करते रहे थे। लेकिन सीएम का काफिला न जाते समय रुका और न आते समय।

नीतीश कुमार मुर्दाबाद के लगे नारे

लोगों का आरोप है कि सीएम नीतीश कुमार हम लोगों से नहीं मिले। इसके विरोध में दिघरी पंचायत की बैरिकेडिंग के बाहर खड़े लोगों ने नारेबाजी करते हुए पुतला फूंककर आगजनी करते हुए विरोध जताया। आक्रोशित ग्रामीणों ने नीतीश कुमार मुर्दाबाद एवं विफल यात्रा के नारे लगाए। ग्रामीणों ने बताया कि इस यात्रा को समाधान यात्रा का नाम दिया गया है, लेकिन यात्रा का लाभ किसी भी ग्रामीण को नहीं मिला। ये कैसी समाधान यात्रा है।

7 फरवरी तक चलेगी यात्रा

नीतीश कुमार की समाधान यात्रा की शुरुआत पश्चिमी चंपारण से 5 जनवरी को हुई थी, जो 7 फरवरी तक चलेगी। यात्रा के दौरान नीतीश जिले के अधिकारियों के साथ आंतरिक बैठक कर रहे हैं और विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। इसके साथ ही सीएम कई नई यौजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी कर रहे हैं। यात्र की टाइमलाइन कुछ ऐसी रही…

  • 6 जनवरी- शिवहर और सीतामढ़ी
  • 7 जनवरी- वैशाली
  • 8 जनवरी- सिवान
  • 9 जनवरी- छपरा
  • 11 जनवरी- मधुबनी
  • 12 जनवर- दरभंगा
  • 17 जनवरी- सुपौल
  • 18 जनवरी- सहरसा
  • 19 जनवरी- अररिया
  • 20 जनवरी- किशनगंज
  • 21 जनवरी- कटिहार
  • 22 जनवरी- खगड़िया
  • 28 जनवरी- बांका
  • 29 जनवरी- मुंगेर, लखीसराय और शेखपुरा

लोगों को बेवकूफ बना रहे सीएम नीतीश: प्रशांत किशोर

समाधान यात्रा को लेकर राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि, यह यात्रा सिर्फ लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश है। ये लोगों को मूर्ख बनाने का तरीका है और कार्यक्रमों में पसंदीदा मंत्रियों और नौकरशाहों की बैठकों की अध्यक्षता करने से लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं होगा। यह समाधान यात्रा सीएम नीतीश की 14वीं यात्रा है, लेकिन राज्य में कुछ भी नहीं बदला है।

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