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One Nation One Election को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, शीतकालीन सत्र में पेश होगा बिल

नई दिल्ली। वन नेशन-वन इलेक्शन प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। शीतकालीन सत्र में बिल पेश किया जाएगा। इसके साथ ही अब देश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ करवाने की राह आसान हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में वन नेशनल वन इलेक्शन का वादा किया था।

वन नेशन-वन इलेक्शन पर विचार करने के लिए गठित पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने 14 मार्च को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी थी। 18 हजार 626 पेज लंबी रिपोर्ट है। मोदी 3.0 के 100 दिन के एजेंडे में कैबिनेट के समक्ष वन नेशन-वन इलेक्शन रिपोर्ट पेश करना शामिल है।

एक साथ होंगे लोकसभा और विधानसभा चुनाव

समिति ने आगे सिफारिश की है कि स्थानीय निकाय चुनाव भी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के एक साथ संपन्न होने के 100 दिनों के अंदर कराए जाने चाहिए। इससे पूरे देश में सभी स्तरों पर एक निश्चित समयावधि में चुनाव कराए जा सकेंगे। अभी राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव अलग-अलग होते हैं।

32 राजनीतिक दलों का समर्थन, 15 का विरोध

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के मुद्दे पर 62 दलों से संपर्क किया था और जवाब देने वाले 47 राजनीतिक दलों में से 32 ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का समर्थन किया था। जबकि 15 दलों ने इसका विरोध किया। रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 15 दलों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

क्या होंगे एक साथ चुनाव के फायदे

  • चुनाव पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए की बचत।
  • बार-बार चुनाव कराने से राहत।
  • फोकस चुनाव पर नहीं बल्कि विकास पर होगा।
  • आचार संहिता बार-बार लागू की जाती है।
  • कालेधन पर भी अंकुश लगेगा।

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