
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार यानी आज छह दिनों के लिए तीन देशों की यात्रा पर रवाना होंगे। वे जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की छह दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं। इस दौरान वह तीन सम्मेलनों (जी-7, क्वाड और FIPIC) में हिस्सा लेंगे। अधिकारियों ने बताया कि, यात्रा के दौरान वे 40 से अधिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे और दो दर्जन से अधिक वैश्विक नेताओं से मुलाकात करेंगे या द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
पीएम मोदी छह दिवसीय दौरे (19-24) के दौरान बिजनेसमैन, खास हस्तियों, विद्वानों और भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मिलेंगे। इसके अलावा सिडनी में वे प्रवासी भारतीयों को संबोधित करेंगे।
G-7 समिट में अतिथि देश के तौर पर हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री कल सुबह (19 मई) जापान के हिरोशिमा के लिए रवाना होंगे। प्रधानमंत्री कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ द्विपक्षीय मुलाकात भी करेंगे। प्रधानमंत्री जापान के प्रधानमंत्री के साथ भी मुलाकात करेंगे… pic.twitter.com/B26lt6UtkV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 18, 2023
PM मोदी का शेड्यूल
- पीएम मोदी के छह दिवसीय दौरे की शुरुआत जापान से होगी। 19 मई को वे जपान के शहर हिरोशिमा के लिए रवाना होंगे।
- यहां वे दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों के समूह G-7 के वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
- जी-7 समूह के मौजूदा अध्यक्ष के रूप में जापान इसके शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। इसमें भारत को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है।
- 22 मई को पीएम मोदी पापुआ न्यू गिनी जाएंगे। उसी दिन वह ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होंगे।
- 22-24 मई के बीच पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया में रहेंगे। इसके बाद वह भारत लौटेंगे।
- 23 मई को वह सिडनी में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे।
तीन औपचारिक सत्र में हिस्सा लेगा भारत
G-7 समूह की बैठक में प्राथमिकताओं से जुड़े कई विषयों पर चर्चा होगी, जिसमें सम्पर्क बढ़ाने, सुरक्षा, परमाणु निरस्त्रीकरण, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक सुरक्षा, क्षेत्रीय मुद्दे, खाद्य एवं स्वास्थ्य तथा विकास के अलावा डिजिटलीकरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे मुद्दे शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक, भारत तीन औपचारिक सत्र में हिस्सा लेगा। जिसमें प्रथम दो सत्र 20 मई को और तीसरा सत्र 21 मई को आयोजित किया जाएगा। प्रथम दो सत्र के विषय खाद्य एवं स्वास्थ्य और लैंगिक समानता तथा जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण होंगे। वहीं, शांतिपूर्ण, टिकाऊ एवं प्रगतिशील विश्व जैसे विषयों को तीसरे सत्र में शामिल किया गया है।