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अब आर्टरी में मिले माइक्रोप्लास्टिक के कण

इटली के रिसर्चर्स का दावा, इससे हार्ट अटैक का जोखिम 4.5 गुना ज्यादा

रोम। अब वैज्ञानिकों को प्लास्टिक के सूक्ष्म कण इंसानों की अवरूद्ध धमनियों (आर्टरीज) में भी मिले हैं। इटली की कंपानिया यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने गले की नसों को साफ कराने की प्रक्रिया से गुजर रहे पचास प्रतिशत से अधिक मरीजों में सूक्ष्म प्लास्टिक की उपस्थिति पाई है। यानी उनके गले की नसें माइक्रोप्लास्टिक के कारण ही चोक हुई थीं। वैज्ञानिकों के अनुसार 58 प्रतिशत मरीजों की रक्त वाहिकाओं में सूक्ष्म प्लास्टिक तथा नुकीले नैनोप्लास्टिक के कण पाए गए हैं।

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसीन में प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों ने लिखा है कि रिसर्चर्स ने यह पाया कि ऐसे मरीज जिनकी ग्रीवा धमनी में प्लास्टिक के कण पाए गए उनमें हार्ट अटैक का जोखिम 4.5 गुना ज्यादा होता है। इन मरीजों की अगले तीन वर्षों में मौत का भी जोखिम होता है।

ऊतकों में भी खोजे जा चुके है माइक्रोप्लास्टिक के कण

पूर्व के अध्ययनों में शरीर के कई अंगों में जैसे कोलन, लिवर, स्प्लिन, लिम्फ नोड के ऊतकों में विभिन्न प्रकार के माइक्रो एवं नैनो प्लास्टिक खोजे जा चुके हैं। इस रिपोर्ट की संपादकीय लिखने वाले बोस्टन कॉलेज के डॉ. फिलिप लैंड्रीगन का कहना है कि हालांकि यह नया अध्ययन यह प्रमाणित नहीं कर सका है कि प्लास्टिक के कारण मरीजों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, लेकिन यह पहला अध्ययन है जो प्लास्टिक के सूक्ष्म कणों का संबंध इंसानों के हृदय रोगों के साथ जोड़ता है।

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