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अब लोकसभा चुनाव में राज्यसभा सदस्यों को उतार सकती है भाजपा!

अप्रैल में खाली होंगी 5 सीटें, विस चुनाव के नतीजों से तय होगी राज्यसभा की रणनीति

राजीव सोनी-भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित लोकसभा के 7 सांसदों को मैदान में उतारने के बाद भाजपा अब लोकसभा चुनाव में उच्च सदन (राज्यसभा) के सांसदों को भी चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी राज्यसभा सदस्य हैं। सिंधिया सहित राज्यसभा सदस्य आदिवासी नेता सुमेर सिंह सोलंकी और कविता पाटीदार भी संभावित नाम हो सकते हैं। इसके अलावा लोकसभा चुनाव के ठीक पहले अप्रैल 2024 में मप्र से राज्यसभा की 5 सीटें खाली हो रही हैं। अभी इसमें 4 भाजपा और एक कांग्रेस की हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजे ही मार्च में होने वाले राज्यसभा सदस्यों के चुनाव का फैसला करेंगे। भाजपा और कांग्रेस में से जिस पार्टी का विधानसभा में संख्या बल अधिक होगा उसके उतने ही राज्यसभा सदस्य चुने जाएंगे।

विधानसभा चुनाव के नतीजे भाजपा के आशानुरूप रहे तो लोकसभा चुनाव में उच्च सदन के सदस्यों को मौका मिल जाएगा। राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री सिंधिया और सांसद सोलंकी का कार्यकाल जून 2026 तक है जबकि राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार का कार्यकाल जून 2028 तक रहेगा। पार्टी में सिंधिया का आगामी लोकसभा चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है। ओबीसी महिला के प्रतिनिधित्व बतौर कविता और अजजा कोटे से सोलंकी के नाम की चर्चा है। राज्यसभा से रिटायर होने वाले नेता भी लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दावेदारी कर सकते हैं।

अप्रैल में पांच सदस्यों का कार्यकाल होगा पूरा

मप्र के 11 राज्यसभा सदस्यों में से 5 सांसदों का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 को पूरा हो रहा है। भाजपा के 4 सदस्यों में से अभी दो सदस्य ऐसे हैं जो दूसरे राज्यों के हैं लेकिन राज्यसभा में मप्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और एल मुरुगन शामिल हैं। दो अन्य अजय प्रताप सिंह और कैलाश सोनी का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है। कांग्रेस के एकमात्र राजमणि पटेल हैं। भाजपा को यदि ये चारों सीटें फिर से जीतना है तो उसे विधानसभा में 150 से अधिक सीटों की जरूरत पड़ेगी।

लोस के लिए करेंगे दावेदारी

पिछले चुनाव में पार्टी ने होशंगाबाद-नरसिंहपुर लोकसभा सीट के लिए उनके नाम पर विचार किया था। पूर्व मंत्री मधुकर हर्णे (अब दिवंगत) ने यह प्रस्ताव भी रखा था। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पार्टी के समक्ष दावेदारी पुन: रखूंगा। -कैलाश सोनी, राज्यसभा सदस्य

नवाचार करती है भाजपा

भाजपा हमेशा चुनावी राजनीति में थकी-पकी लाइन से हटकर नवाचार करती रहती है ताकि अच्छे जनप्रतिनिधि भी देश को मिलें। भाजपा का यह विश्वास है कि जननेता मतपेटी से पैदा होते हैं न कि परिवार की कोख से ,जैसा कि कांग्रेस में होता है। – डॉ हितेष वाजपेयी प्रवक्ता मप्र भाजपा.

संख्या बल से तय होंगी सीटें

विधानसभा चुनाव के नतीजे ही अप्रैल में खाली हो रही राज्यसभा की 5 सीटों का फैसला करेंगे। विधानसभा में प्रत्येक दल की सदस्य संख्या के हिसाब से रिक्त पदों का कोटा और औसत तय होगा। संख्या बल से ही सीटें तय होंगी। – भगवान देव इसरानी, पूर्व प्रमुख सचिव मप्र विधानसभा

इधर, टिकट मिलने से चूके एमएलए, सांसदी का चुनाव लड़ने का देखने लगे ख्वाब

भोपाल। प्रदेश में अब ऐसे विधायक सक्रिय हो रहे हैं जिन्हें विधानसभा में टिकट नहीं मिला है। ये विधायक सांसद पद का टिकट मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। एक सप्ताह पहले खंडवा संसदीय क्षेत्र के लिए पंधाना विधायक राम दांगोरे के निवास पर बैठक भी की गई। बुंदेलखंड के छतरपुर और दमोह में भी दावेदारी की जाने लगी है।

खंडवा संसदीय क्षेत्र से टिकट को लेकर हुई बैठक में विधायक देवेन्द्र वर्मा, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा और राजेश डोंगरे, कैलाश पाटीदार पूर्व अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक, संतोष राठौड़ प्रदेश महामंत्री पिछड़ा मोर्चा मध्य प्रदेश, कैलाश राठौड़, मुकेश साद भाजपा जिला मंत्री खंडवा सहित जिले के अन्य संगठन पदाधिकारी मौजूद रहे। इसके पहले एक बैठक विधायक देवेंद्र वर्मा के निवास पर हो चुकी है। बैठक में चर्चा की गई कि जिले के किसी एक विधायक को (जिन्हें विस में टिकट नहीं मिला) सांसद पद के लिए उम्मीदवार बनाया जाए।

भाजपा राम मंदिर पर फोकस

पांच राज्यों के चुनाव थमने से पहले भाजपा लोकसभा चुनाव मोड में आ गई है। संगठन ने इसके संकेत सोशल मीडिया साइट पर प्रोफाइल बदलकर दिए हैं। मप्र बीजेपी ने नई प्रोफाइल अपलोड की है। इसमें राम मंदिर के साथ पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के चित्र के साथ राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख दी गई है। एक्स में मप्र बीजेपी के 1.2 मिलियन फॉलोअर हैं, जबकि फेसबुक पर 1.6 मिलियन हैं।

22 जनवरी को है अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को है। इसके पहले ही संघ के सभी सहभागी संगठन विहिप और बजरंग दल इस कार्य में जुट गए हैं। पहले चरण में लोगों को राम मंदिर का आमंत्रण दिया जा रहा है। इसके बाद जनवरी के अंत में दूसरे चरण में लाखों परिवारों को रामलला के दर्शन करवाए जाएंगे। लोगों को राम मंदिर की तस्वीर भेजी जा रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह प्रदेश में प्रचार के दौरान कह भी चुके हैं कि भाजपा की सरकार बनने पर मप्र के बुजुर्गों को रामलला के दर्शन कराएंगे।

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