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पटवारी नहीं, गांव के युवा ही करेंगे खेतों का सर्वे, ऐप पर होगा रिकॉर्ड

फर्जी राहत लेने पर लगेगी रोक, नीमच-सिवनी पायलट प्रोजेक्ट में

भोपाल। छतरपुर के किसान नारायण पटेल कहते हैं कि पटवारियों द्वारा बिना सर्वे किए ही गिरदावरी की जाती है। अगर सरकार ऐसा कोई प्लान ला रही है कि किसानों के खेतों में होने वाली फसल का वास्तविक रिकॉर्ड सारा ऐप में दर्ज होगा तो इससे किसी भी गड़बड़ी की संभावना नहीं रहेगी। कोई भी किसान फर्जी फसल बताकर प्राकृतिक आपदा पर राहत राशि या फिर फसल बीमा का लाभ नहीं ले पाएगा। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए फेक जानकारी देने से भी कतराएगा।

दरअसल, केंद्र सरकार का प्लान है कि फसल का गिरदावरी (हर खेत का फसल रिकॉर्ड) करने के लिए गांव के ही जानकार व्यक्ति को अस्थाई तौर पर सर्वेयर बनाया जाएगा। सर्वेयर को एक खेत का सर्वे करने पर 8-10 रुपए प्रति सर्वे दिया जा सकता है। फिलहाल नीमच और सिवनी जिले को पायलट के तौर पर शामिल किया गया है। नीमच और सिवनी में पायलट प्रोजेक्ट सफल होने पर प्रदेश के अन्य जिलों को शामिल किया जाएगा और सभी 52 जिलों के 53 हजार गांवों के करीब 80 लाख किसानों के खेतों में होने वाली फसलों का रिकॉर्ड ऑनलाइन होगा। गिरदावरी को लेकर आयुक्त भू-अभिलेख ने सभी जिलों के कलेक्टरों के साथ बातचीत भी की है।

क्या है गिरदावरी

किसानों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने के लिए उसके खेत का रकबा और होने वाली फसल को आधार बनाया जाता है। इसके लिए हर खेत की गिरदावरी होती है। यानि देखा जाता है कि किस खेत में कौन सी फसल लगाई गई है। रबी, खरीफ तथा अन्य सीजन में क्या फसल ली गई है आदि।

साल में 3 बार होगा आकलन

फसल गिरदावरी साल में तीन बार सारा ऐप के माध्यम से की जाएगी। इसका उपयोग उपार्जन, फसल बीमा और अन्य योजनाओं में किया जाएगा। अब सर्वेयर खेत के बीचों बीच खड़े होकर फसल की फोटो लेकर पटवारी को बताएगा।

जांचकर्ता की नियुक्ति होगी

सर्वेयर द्वारा अपलोड जानकारी की जांच हेतु प्रत्येक वर्ष मौसम अनुसार 20 प्रतिशत ग्रामों का चयन सिस्टम द्वारा किया जाएगा। इस प्रकार प्रत्येक वर्ष मौसम हेतु ग्रामों का चयन करते हुए आगामी पांच वर्ष में शत-प्रतिशत ग्रामों का जांच कार्य पूरा किया जाएगा।

ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार

हर गांव में सर्वेयर नियुक्त करने से एक अनुमान के अनुसार प्रदेश के 53 हजार गांवों में स्थानीय लोगों को एक निश्चित अवधि के लिए रोजगार मिलेगा। प्रदेश में 19 हजार से अधिक पटवारी हैं जो सर्वेयर के कामकाज की मॉनिटरिंग करेंगे।

गिरदावरी ऑनलाइन होने से रहेगी पारदर्शिता

केंद्र सरकार के प्लान के अनुसार सिवनी और नीमच जिले को गिरदावरी के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लिया गया है। इसके बाद और जिले लिए जाएंगे। गांव का ही व्यक्ति सर्वेयर होगा जिससे स्थानीय को रोजगार मिलेगा। सारा ऐप में जानकारी अपलोड होने से किसी गड़बड़ी की संभावना नहीं रहेगी। -संजय गोयल, आयुक्त, भू-अभिलेख

(इनपुट- पुष्पेन्द्र सिंह)

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