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मंत्री ही नहीं, विधानसभा अध्यक्ष पद पर भी निगाहें, ताजपोशी को लेकर असमंजस

गिरीश गौतम और डॉ. सीतासरन शर्मा का नाम सबसे आगे

भोपाल। प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। इसके बाद ही मंत्रिमंडल में जगह पाने वालों के नामों पर चर्चा चलेगी। इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी बहुमत मिलने के कारण भाजपा के कई वरिष्ठ विधायक मंत्रिमंडल में जगह पाने के दावेदार हो गए हैं। तीन से लेकर 9 विधानसभा चुनाव जीतने वाले विधायकों को पार्टी कहां एडजस्ट करे, यह बड़ा संकट बना हुआ है। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष के पद पर भी वरिष्ठ विधायक को जिम्मेदारी दी जा सकती है।

मप्र का गठन होने पर पं. कुंजीलाल दुबे पहले विधानसभा अध्यक्ष बने थे। वे एक नवंबर 1956 से सात जनवरी 1967 तक (11 वर्ष) विधानसभा के अध्यक्ष रहे। इस तरह सबसे लंबे समय तक विधानसभा अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड उनके नाम है। मप्र बनने के बाद से अब तक कुल 18 विधानसभा अध्यक्ष बनाए गए हैं। इनमें विंध्य के कद्दावर नेता श्रीनिवास तिवारी और महाकौशल से ईश्वरदास रोहाणी ने ही दो टर्म में विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली। तिवारी कांग्रेस सरकार में 1993 से 2003 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे जबकि रोहाणी भाजपा सरकार में 2003 से 2013 तक विस अध्यक्ष रहे।

3.5 साल बाद विस उपाध्यक्ष की भी हो सकती है नियुक्ति: 2020 में भाजपा की सरकार बनने पर विधानसभा उपाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की गई। 2018 में कांग्रेस सरकार बनने पर कांग्रेस की ही हिना कांवरे विधानसभा उपाध्यक्ष बनाई गई थीं। इससे पहले सत्ताधारी दल से अध्यक्ष होते थे तो प्रतिपक्ष से उपाध्यक्ष। प्रदेश के गठन पर विष्णु विनायक सरवटे पहले विधानसभा उपाध्यक्ष चुने गए थे।

अब वर्तमान और पूर्व विस अध्यक्ष का विकल्प

गिरीश गौतम (विधायक देवतालाब): वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम देवतालाब सीट से चुनकर आए हैं। गौतम 2003 से लगातार विधायक हैं। यह उनका पांचवां टर्म होगा। बीएससी एलएलबी शिक्षित गौतम का दावा वर्तमान अध्यक्ष के नाते बनता है।

डॉ. सीतासरन शर्मा (विधायक होशंगाबाद): पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र से चुनकर आए हैं। डॉ. शर्मा पहली बार 1990 में विधायक चुने गए थे। यह उनका छठवां टर्म होगा। एमबीबीएस और एलएलबी शिक्षित डॉ. शर्मा वर्ष 2000 में भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक भी रहे हैं। वे अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार हैं।

ये वरिष्ठ विधायक भी हो सकते हैं विस अध्यक्ष

  • गोपाल भार्गव (9वीं बार विधायक)
  • जयंत मलैया (8वीं बार विधायक)
  • ओमप्रकाश सखलेचा (5वीं बार विधायक)
  • अर्चना चिटनीस (चौथी बार विधायक)

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