
टेरर फंडिंग रोकने के लिए पीएम मोदी ने आज No money for terror (NMFT) कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, आतंकवाद मानवता के लिए बड़ी समस्या है। आतंक के खतरे के प्रति सावधानी और एकजुटता जरूरी है। दशकों तक हमारे देश को आतंकवाद ने चोट पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन हमने बहादुरी से इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी।
ये देश नहीं होंगे शामिल
आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के तरीकों पर चर्चा के लिए आयोजित दो दिवसीय ग्लोबल मीटिंग में 75 देशों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। हालांकि, इस मीटिंग से चीन ने दूरी बना ली है। इस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रतिनिधि हिस्सा नहीं ले रहे हैं। यह कॉन्फ्रेंस 18 से 19 नवंबर तक चलेगी।
यह तीसरा मंत्री स्तरीय सम्मेलन है। इससे पहले यह सम्मेलन अप्रैल 2018 में पेरिस में और नवंबर 2019 में मेलबर्न में आयोजित किया गया था।
पीएम बोले- भारत चैन से नहीं बैठेगा…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘आतंकवाद के लिए कोई धन नहीं: आतंकवाद के वित्तपोषण से मुकाबले के लिए मंत्रियों का सम्मेलन’ को संबोधित किया और कहा कि दुनिया से जब तक आतंकवाद का खात्मा नहीं हो जाता, तब तक भारत चैन से नहीं बैठेगा।
आज आतंक का तरीका बदल रहा है. नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। डार्क नेट और फेक करेंसी उसका उदाहरण हैं। प्राइवेट सेक्टर को ऐसे रोकथाम में सहयोग देना होगा। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल टेरर को ट्रैक और टैकल करने में करना चाहिए। साइबर क्राइम और रेडिकलाइजेशन ये आतंक का बहुत बड़ा सोर्स है।
#WATCH | At 'No Money for Terror’ Conference, PM says, "…Well known that terrorist orgs get money through several sources-one is state support. Certain countries support terrorism as part of their foreign policy. They offer political, ideological & financial support to them…" pic.twitter.com/JwsK8qzVUR
— ANI (@ANI) November 18, 2022
पाकिस्तान पर साधा निशाना
आतंकवादी संगठनों को कई स्रोतों से पैसा मिलता है। एक स्रोत राज्य का समर्थन है। पाकिस्तान का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने निशाना साधते हुए कहा कि, कुछ देश अपनी विदेश नीतियों के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं। वे उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। टेरर फंडिंग के स्रोतों में से एक संगठित अपराध है। इसे अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए। इन गिरोहों के अक्सर आतंकी संगठनों से गहरे संबंध होते हैं।
आतंकवाद को एक ही चश्मे से देखना चाहिए
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने विश्व से पहले आतंकवाद का असर झेला। आतंक का एक हमला सभी पर हमला है। आतंकवाद ऐसा विषय है जो मानवता पर असर डालता है। ये इकानामी पर असर डालता है। टेरर फाइनेंसिंग की जड़ पर हमला करना चाहिए। आतंक को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं। आतंकवाद को एक ही चश्मे से देखना चाहिए।
सम्मेलन में चार सत्रों पर विचार-विमर्श
- आतंकवाद और आतंकवादी वित्तपोषण में वैश्विक रुझान।
- आतंकवाद के लिए धन के औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों का उपयोग।
- उभरती प्रौद्योगिकियां और आतंकवादी वित्तपोषण।
- आतंकवादी वित्तपोषण का मुकाबला करने में चुनौतियों के समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग।