
भोपाल। मध्यप्रदेश में मोहन मंत्रिमंडल का अब अगला विस्तार चुनौतीपूर्ण और चौंकाने वाला होगा। 31 सदस्यीय कैबिनेट में खाली 3 पद ही हैं लेकिन दावेदारों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा है। एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति बन रही है, सत्ता-संगठन के सूत्रों का कहना है कि फिलहाल एक ही मंत्री (रामनिवास रावत) को शपथ दिलाई गई ताकि आगे की उम्मीद बनी रहे।
जानकारी के अनुसार अब मंत्रिमंडल में अब विस्तार के बजाए फेरबदल की संभावनाएं ज्यादा हैं क्योंकि पद की संख्या के हिसाब से ‘जेनुइन और जरूरी’ कैटेगरी के दावेदार ज्यादा हैं। इसलिए कुछ मंत्रियों को टीम से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए परफार्मेंस और इमेज का क्राइटेरिया लागू किया जाएगा। माना जा रहा है जिस मंत्री का परफार्मेंस कमजोर होगा, उसे बाहर किया जा सकता है।
दिल्ली तक लॉबिंग
मंत्रिमंडल के मौजूदा विस्तार में ही शपथ लेने के लिए कई दावेदारों ने भोपाल से लेकर दिल्ली तक काफी लॉबिंग की थी। लेकिन सिंगल मंत्री को ही शपथ दिलाने का फैसला हुआ। कुछ महीने बाद फेरबदल को हरी झंडी देने मौजूदा टीम की परफार्मेंस को आधार बनाने भूमिका बनाई जाएगी। इस तरह कुछ मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाकर क्षेत्रीय, जातीय और सियासी समीकरण साधने की तैयारी है।
मुख्यालय में चहल-पहल
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से बड़ी संख्या में रामनिवास रावत के समर्थक भोपाल पहुंचे थे। ये लोग शपथ समारोह में राजभवन नहीं पहुंच पाए लेकिन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ जब वह भाजपा मुख्यालय पहुंचे तब सभी समर्थक वहां थे। स्थिति यह थी पार्टी कार्यालय में कई महीने बाद इतनी चहल-पहल देखी गई। भाजपा के पुराने नेता और पूर्व मंत्री भी इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल से मिलने पहुंचे थे।
रावत की ‘डील’
लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने ग्वालियर-चंबल अंचल के वरिष्ठ कांग्रेसी रामनिवास रावत को पार्टी में शामिल कर सियासी फायदा उठाया था। बताया जाता है कि उसी समय हुई ‘डील’ के मुताबिक मंत्री बनाया गया है।
छिंदवाड़ा में सेंधमारी के जतन
रावत के अलावा अमरवाड़ा से चुनाव लड़ रहे कमलेश शाह और बीना विधायक निर्मला सप्रे का मामला भी है। इनमें शाह को राज्यमंत्री बनाकर भाजपा छिंदवाड़ा की बाकी अन्य 6 सीटों पर सेंधमारी की जमावट करेगी। कुछ दावेदारों की निगम और मंडलों में ताजपोशी कर संतुष्ट किया जाएगा।
ये नेता ठोक रहे दावेदारी
संजय पाठक, रामेश्वर शर्मा, दिनेश राय मुनमुन, डॉ सीतासरन शर्मा, विष्णु खत्री, हरिशंकर खटीक, रीति पाठक, ओमप्रकाश सखलेचा, गोपाल भार्गव, अशोक रोहाणी, भूपेंद्र सिंह, प्रदीप लारिया, अर्चना चिटनीस।
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