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भारत की दाल का धमाल… न्यूजीलैंड में भारतीय वैज्ञानिक ने तैयार किए डेयरी फ्री प्रोडक्ट्स

ऑकलैंड (न्यूजीलैंड)। भारत में प्रचुर मात्रा में पैदा होने वाली एक दाल दुनिया में कमाल करने को तैयार है। जिन्हें डेयरी मिल्क प्रोडक्ट्स से एलर्जी है, उनके लिए वैज्ञानिक लगातार नए-नए विकल्प तलाशने में लगे हैं। दालों से मिल्क पाउडर बना पाना, क्रीम भी और अब आइसक्रीम तैयार करने की कोशिश… ये अपने आप में एक बहुत बड़ी सफलता है। आजकल बहुत से लोगों को डेयरी प्रोडक्ट्स से और मिल्क से एलर्जी है। इनके लिए दूसरे विकल्प तलाशे जा रहे हैं। आजकल विकल्प के तौर पर बाजारों में काफी कुछ मिलता है। जैसे-सोया मिल्क, ओट मिल्क, राइस मिल्क, आलमंड… बटर वगैरह।

नॉन डेरी प्रोडक्ट्स की इंडस्ट्री छोटी नहीं है। इसने पिछले साल 40 बिलियन डॉलर का कारोबार किया। यानि इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। पिछले चार सालों से न्यूजीलैंड के चौथे बड़े शहर पॉमेस्टन नॉर्थ की मैसी यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिक एक प्रयोग में लगे हुए थे, जिसमें उन्हें अब सफलता मिली है। वैज्ञानिकों ने डेयरी फ्री क्रीम और मिल्क पाउडर बनाने में सफलता हासिल की है। ये वैज्ञानिक कई किस्म की दालों और फलियों (Pulses and Legumes) से आइसक्रीम भी बनाने वाले हैं। घटक रूप (ingredient form) में ऐसा करने वाले वे दुनिया में पहले हैं।

भारतीय मूल के वैज्ञानिक हैं डॉ. अरूप नाग

इन वैज्ञानिकों में भारतीय मूल के डॉ. अरूप नाग भी हैं। वे मैसी यूनिवर्सिटी में चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर हैं। इस बारे में जब उनसे बातचीत की गई, तो उन्होंने फिलहाल इस भारतीय दाल का खुलासा तो नहीं किया, मगर ये जरूर कहा कि यह भारत में खूब पैदा होती है। चावल की दो पैदावारों के बीच इसकी फसल ली जाती है। यानी अभी यह दाल लोगों के लिए एक पहेली बनी हुई है।

डॉ. नाग ने कहा- “मैं बचपन से ही इस दाल से परिचित था, लेकिन ये नहीं सोचा था कि कभी बड़ा हो कर और न्यूजीलैंड जाकर इस पर रिसर्च करूंगा। इससे कुछ नया ही बना डालूंगा।” वैसे ये दोगुनी खुशी की खबर है। न्यूजीलैंड में ऐसा प्रयोग पहली बार हुआ पहली बार हुआ, दूसरा इसका हिस्सा एक भारतीय है।

डाॅ. अरूप नाग।

डॉ. अरूप नाग ने बताया- “हम घटक प्रारूप में आइसक्रीम भी विकसित कर रहे हैं। इस के लिए हमारे पास पाउडर और क्रीम हैं, जो मिलकर बेहतरीन आइसक्रीम बनाते हैं। हम इसके लिए फॉर्मूलेशन पर दुनिया भर की बड़ी बहु-राष्ट्रीय कंपनियों के साथ बात कर रहे हैं। इसकी खपत के लिए अभी सुपरमार्केट शेल्फ के बजाय एशियाई, यूरोपीय, अमेरिकी बेकरी और कॉफी सीरीज पर ध्यान दिया जा रहा है।”

बता दें कि न्यूजीलैंड में लगभग 280,000 भारतीय हैं। ये लगभग हर शहर में हैं। हालांकि, सबसे ज्यादा ऑकलैंड में निवास करते हैं। इस शहर में भारत की सारी दालें, मसाले, घी, तेल, आटा यानी सब मिलता है। कहा जाए, तो ऐसी कौन सी चीज है, जो यहां उपलब्ध नहीं हैं। न्यूजीलैंड में कई इंडियन रेस्टोरेंट हैं। यहां भारतीय भोजन, मिठाइयां, नमकीन सब भरपूर मिलता है।

प्रीता व्यास, पत्रकार और लेखिका-ऑकलैंड, न्यूजीलैंड

(इनपुट – प्रीता व्यास, पत्रकार और लेखिका-ऑकलैंड, न्यूजीलैंड)

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