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मंत्री बोले संविदा में नहीं रखेंगे, विभाग ने बना दिया एडवाइजर

वित्त, जीएडी को नहीं मिल रहे काबिल अफसर

भोपाल। मंत्रालय में कर्मचारी और अधिकारियों की कमी लगातार होती जा रही है। बदले में विभाग सेवानिवृत्त अफसरों को एक से अधिक बार संविदा नियुक्ति दे रहे हैं। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि योग्य और अनुभवी होने के कारण नियुक्ति दी गई। मामला, वित्त विभाग का है। यहां लगभग छह आईएएस अफसर पदस्थ हैं। लेकिन सेवानिवृत्त अजय चौबे का विकल्प नहीं बन पाए। चौबे को वर्ष 2015 से लगातार संविदा नियुक्ति दी जाती रही। 65 उम्र पार होने पर परामर्शी (एडवाइजर) बना दिया गया।

सामान्य प्रशासन विभाग में भी लगातार नियुक्ति

उधर, सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) में फजल अहमद की पिछले दो बार से संविदा नियुक्ति की गई है। विभाग में दो और संविदा नियुक्ति हैं। मुख्य सचिव कार्यालय में रिटायर्ड ऋषि राय की संविदा नियुक्ति की गई है। वहीं सीएम सचिवालय में पदस्थ रहे विजय नारायण चौबे तीन माह पहले सेवानिवृत्त हुए हैं लेकिन वन विभाग द्वारा उन्हें सरकारी तौर पर वाहन उपलब्ध कराया जा रहा है।

वित्त मंत्री का जवाब था नियमों का विशुद्ध ज्ञान है

परियोजना के दूसरे चरण में यह होगा चंबल और ग्वालियर संभाग को मिलेगा फायदा केन-बेतवा परियोजना के द्वितीय चरण और उससे संबंधित परियोजना के लिए केंद्रीय मंत्री को संशोधित कार्ययोजना प्रस्तुत की है। इसको मंजूरी मिलने से चंबल और ग्वालियर संभाग में रोजगार के साथ औद्योगिक विकास होगा। साथ ही अतिरिक्त रूप से हजारों हेक्टेयर भूमि को पानी मिलेगा। -तुलसी सिलावट, जल संसाधन मंत्री 18 दिसंबर 2019 को विधानसभा सत्र के दौरान तत्कालीन विधायक विक्रम सिंह नाती राजा ने सवाल किया था कि वर्ष 2015 में उप सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए अजय चौबे का विभाग विकल्प क्यों नहीं खोज पाई? इस पर तत्कालीन वित्त मंत्री तरुण भनोत ने सदन में जवाब दिया था कि नियुक्ति इसलिए दी गई क्योंकि उन्हें नियमों का विशुद्ध ज्ञान एवं अनुभव है। साथ ही फीडर कॉडर में समकक्ष अधिकारियों की अनुपलब्धता है। विधायक के कड़े विरोध पर मंत्री ने कहा-वर्ष 2020 में चौबे की आयु 65 वर्ष हो जाएगी, इसके बाद संविदा में नहीं रखा जाएगा। इसके पहले वर्ष 2016-17 में विधायक रहते सुंदरलाल तिवारी ने भी सदन में मामला उठाया था। मंत्री की निर्देश पर विभाग ने अजय चौबे का विकल्प तो नहीं खोजा बल्कि उन्हें परामर्शी बना दिया गया। वित्त में रहते सेवानिवृत्त हुए अपर सचिव ओपी गुप्ता संविदा में हैं।

जीएडी और वित्त के अपर मुख्य सचिव से नहीं मिला जवाब

संविदा और परामर्शी पद पर नियुक्ति को लेकर एसीएस जीएडी विनोद कुमार एवं एसीएस वित्त अजीत केसरी से संपर्क किया गया। लेकिन, दोनों ही उपलब्ध नहीं हुए।

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