
भोपाल। राजधानी भोपाल के प्रशासनिक तंत्र में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। एक मई 2025 से भोपाल कलेक्टोरेट में पूरी तरह से ई-ऑफिस सिस्टम लागू कर दिया जाएगा। इस व्यवस्था के तहत अब कोई भी फाइल ऑफलाइन मोड में नहीं चलेगी और फाइलों की मंजूरी प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सोमवार को समयावधि बैठक में यह घोषणा की। उन्होंने सभी विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया कि वे तत्काल प्रभाव से ई-ऑफिस की सेटअप प्रक्रिया पूरी करें और संबंधित कार्मिकों को पोर्टल के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिलाएं।
फाइलों की हार्ड कॉपी नहीं होगी स्वीकार
कलेक्टर सिंह ने स्पष्ट किया कि एक मई से किसी भी फाइल की हार्ड कॉपी मंजूर नहीं की जाएगी। सभी फाइलें केवल ई-ऑफिस पोर्टल के माध्यम से ही आगे बढ़ेंगी और मंजूर की जाएंगी। उन्होंने कहा, मैं स्वयं भी सभी फाइलों को ऑनलाइन ही अप्रूव करूंगा। अब किसी भी कार्यालय में पेपर वर्क की अनुमति नहीं होगी। इस निर्णय के तहत कलेक्टोरेट, जिला पंचायत, नगर निगम, और अन्य विभागों में डिजिटल डेटा बैंक तैयार किया गया है। अब एडीएम, एसडीएम और तहसीलदार स्तर की सभी प्रशासनिक फाइलें भी ऑनलाइन ही प्रसंस्कृत की जाएंगी।
संस्थानों का होगा फायर ऑडिट, अवैध निर्माणों पर सख्ती
बैठक के दौरान कलेक्टर ने सभी एसडीएम को कोचिंग संस्थानों, अस्पतालों, होटलों, पटाखों की दुकानों सहित अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का फायर ऑडिट अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है और इस दिशा में लापरवाही नहीं बरती जाएगी। इसके साथ ही अवैध कॉलोनियों और खनन गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करने के भी आदेश जारी किए गए। सभी एडीएम को एसडीएम कोर्ट और एसडीएम को तहसीलदार कोर्ट का निरीक्षण करने को कहा गया है।
समग्र आईडी-आधार लिंकिंग और जल संरक्षण पर जोर
कलेक्टर ने जिले में समग्र आईडी को आधार से जोड़ने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ समय पर मिले। वहीं, ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ के तहत जिले की नदियों, तालाबों और जल संरचनाओं के संरक्षण के लिए जनभागीदारी से योजना तैयार करने और आगामी एक महीने का कार्ययोजना बनाने के लिए सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया।
सीएम हेल्पलाइन लंबित शिकायतों पर नाराजगी
बैठक में सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा करते हुए कलेक्टर सिंह ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 50 दिन से अधिक लंबित शिकायतें चिंताजनक हैं और इनका तत्काल निराकरण किया जाए। उन्होंने सभी विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया कि वे प्रतिदिन शिकायतों की समीक्षा करें और समाधान सुनिश्चित करें।