धर्म

Dev Uthani Ekadashi: देवउठनी या देवोत्थान एकादशी आज, जागेंगे संसार के पालनहार

कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान, प्रबोधिनी और देवउठनी के नाम से जाना जाता है। मान्यता है देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा के बाद जागते हैं। भगवान विष्णु के देवउठनी एकादशी पर जागने से पिछले चार माह के लिए रुके विवाह और सभी तरह के मांगलिक शुभ कार्य दोबारा से शुरू हो जाते हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु चार माह के लिए क्षीर सागर में निद्रा करते हैं। इन चार महीनों को ही चातुर्मास कहा जाता है।

एकादशी के व्रत से भगवान विष्णु होते हैं प्रसन्न

देवउठनी एकादशी के दिन माता तुलसी (Tulsi) के विवाह का आयोजन भी किया जाता है। इस दिन से भगवान विष्णु सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं और इसी दिन से सभी तरह के मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत रखने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है।

देवउठनी एकादशी 2021: शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि आरंभ समय:– 14 नवंबर सुबह 05:48 बजे
एकादशी तिथि समापन समय:- 15 नवंबर सुबह 06:39 बजे

शादी के शुभ मुहूर्त

नवंबर : 19, 20, 21, 26, 28 और 29 तारीख।
दिसंबर : 1, 2, 5, 7, 12 और 13 तारीख।
जनवरी 2022 : 15, 20, 22, 23, 25, 27, 28, 29 और 30 तारीख।
फरवरी 2022 : 5, 6, 9, 10, 16,17, 18 और 19 तारीख।

तुलसी विवाह 2021 शुभ मुहूर्त

कार्तिक मास एकादशी तिथि 15 नवंबर को सुबह 6 बजकर 29 मिनट तक है। इसके बाद द्वादशी शुरू हो जाएगी। ऐसे में तुलसी विवाह 15 नवंबर, दिन सोमवार को किया जाएगा। द्वादशी तिथि 15 नवंबर को सुबह 6 बजकर 39 मिनट से शुरू होगी, जो 16 नवंबर को सुबह 8 बजकर 1 मिनट तक रहेगी।

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