Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
Aakash Waghmare
4 Nov 2025
Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश में मानसून अब मेहरबान नहीं, बल्कि मुसीबत बन गया है। प्रदेश के पूर्वी और मध्य हिस्सों में लगातार तेज बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। कई जिले जलमग्न हो चुके हैं, नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। मौसम विभाग ने 45 से ज्यादा जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है।
सतना जिले के चित्रकूट में लगातार दो दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है। मंदाकिनी नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि रामघाट, भरतघाट और लंका तिराहे जैसे प्रमुख स्थान जलमग्न हो गए हैं। यहां नाव चलानी पड़ रही है। गुप्त गोदावरी की गुफा पानी में डूब गई है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी के किनारे न जाएं और सतर्क रहें।
प्रदेश में सबसे ज्यादा नुकसान मंडला जिले में हुआ है, जहां बाढ़ के कारण अब तक 7 लोगों की जान जा चुकी है और दो लोग लापता हैं। जिले में 300 से अधिक मकानों और कई पुल-पुलियों को नुकसान पहुंचा है। 312 लोगों को रेस्क्यू कर 7 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।
उमरिया के जोहिला डैम के दो गेट खोल दिए गए हैं। एक गेट एक मीटर और दूसरा आधा मीटर तक खोला गया है, जिससे निचले इलाकों में पानी का बहाव बढ़ गया है। शिवपुरी-ग्वालियर सीमा पर स्थित हरसी डैम लबालब भर चुका है और 20 गांवों में जलभराव का खतरा है।
टीकमगढ़ में एक मकान का हिस्सा गिर गया, गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। मैहर में तेज बारिश से दीवार गिरने से एक महिला घायल हुई। सतना में एक कार पर पेड़ गिर गया, हालांकि सवार सुरक्षित बच गए। सीधी, कटनी, शहडोल, रीवा जैसे जिलों में मकानों और दुकानों में पानी घुस गया है।
अति भारी बारिश (Orange Alert):
छतरपुर, सागर, दमोह, कटनी, जबलपुर, रायसेन, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा और नर्मदापुरम।
भारी बारिश (Yellow Alert):
भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, रतलाम, देवास, विदिशा, सीहोर, शाजापुर, हरदा, बैतूल, अशोकनगर, गुना, दतिया, रीवा, टीकमगढ़, पन्ना, सतना, डिंडोरी, मैहर, मऊगंज, शहडोल, अनूपपुर, बालाघाट, मंडला सहित अन्य जिलों में।
पिछले 24 घंटे में रीवा में 8 इंच, सीधी में 7.5 इंच, खजुराहो में 5.6 इंच, नौगांव में 3.9 इंच, टीकमगढ़ में 3.6 इंच, सतना में 3.2 इंच, नरसिंहपुर में 3.1 इंच, उमरिया में 2.1 इंच और सागर में 2.2 इंच बारिश दर्ज की गई। सिवनी में मात्र 9 घंटे में 6.5 इंच पानी गिर गया।
भारत में मानसून की शुरुआत 24 मई को केरल से हुई और 16 जून तक मध्यप्रदेश पहुंच गया। इस बार सामान्य से 74% अधिक बारिश हो रही है। बंगाल की खाड़ी से बना निम्न दबाव का क्षेत्र अब झारखंड और छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ गया है, जिससे मध्यप्रदेश में भारी बारिश का सिलसिला बना हुआ है।
प्रशासन और राहत दल लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। एनडीआरएफ और एसडीईआरएफ की टीमें तैनात हैं। नदी किनारे रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। आमजन से अपील की गई है कि वे नदियों और नालों के आसपास न जाएं और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें।